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अंधवश्विास : बेटा खोया, खुद बन गया हत्यारा

अंधविश्वास : बेटा खोया, खुद बन गया हत्यारा ओझागिरी में गयी नवजात पुत्र की जान आक्रोशित पिता के प्रहार से ओझा की मौत आरोपित को ढूंढ़ रही पुलिस प्रतिनिधि, दरभंगा. अंधविश्वास व झाड़-फूंक करनेवाले ओझा के चक्कर में पड़कर लोग कितना कुछ खो दते हैं, यह पुलिस उद्भेदन के बाद विशनपुर थाना क्षेत्र में सामने […]

अंधविश्वास : बेटा खोया, खुद बन गया हत्यारा ओझागिरी में गयी नवजात पुत्र की जान आक्रोशित पिता के प्रहार से ओझा की मौत आरोपित को ढूंढ़ रही पुलिस प्रतिनिधि, दरभंगा. अंधविश्वास व झाड़-फूंक करनेवाले ओझा के चक्कर में पड़कर लोग कितना कुछ खो दते हैं, यह पुलिस उद्भेदन के बाद विशनपुर थाना क्षेत्र में सामने आया. इन बातों में फंसकर इस थाना क्षेत्र के एक युवक को न सिर्फ अपने नवजात पुत्र की मौत का गम झेलना पड़ा, बल्कि वह हत्या का आरोपित बन बैठा. आज स्थिति यह हो गयी कि वह फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. उसके माता-पिता से भी पूछताछ की जा रही है. बताया जाता है कि युवक पुलिस से छिपकर दिल्ली में रह रहा है. बता दें कि लगभग एक सप्ताह पूर्व विशनपुर थाना क्षेत्र में देर रात घर के बाहर सोये एक वृद्ध के सिर पर सोये अवस्था में प्रहार किया गया था. इलाज के बाद भी उनकी मौत हो गयी थी. घटना को लेकर थाना में अज्ञात के विरुद्ध कांड संख्या 113/15 दिनांक 23.11.15 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसके बाद पुलिस जांच में जुट गयी थी. यह था मामला एएसपी सह सदर डीएसपी दिलनवाज अहमद ने मंगलवार को बताया कि आक्रोश में थाना क्षेत्र निवासी सीताराम राय के पुत्र ने प्रहार किया था. इस संबंध में उन्होंने बताया कि मृतक 72 वर्षीय सिंहेश्वर मंडल गांव में झाड़-फूंक का काम करता था. ग्रामीण बौअन राय की बेटी के बीमार पड़ने पर उसने झाड़-फूंक किया था. बौअन राय को उसपर विश्वास था कि वह बीमारी को ठीक कर देता है. उनके एक रिश्तेदार सीताराम राय के पुत्रवधू कविता देवी जो संतोष राय की पत्नी थी वह गर्भवती थी. बीमारी के दौरान सिंहेश्वर मंडल के द्वारा सिर पर हाथ फेरने से उसने ठीक महसूस किया. हालांकि एक-दो दिन बाद वह पुन: बीमार पड़ गयी. उसके पति संतोष के द्वारा ओझा को दोबारा इलाज करने के लिए कहने पर उसने रुपये की मांग की. पैसे की डिमांड पूरा नहीं करने पर उसने झाड़-फूंक करने से इंकार कर दिया. इसके बाद संतोष ने एक-दूसरे झाड़-फूंक करने वाले रघुवीर दास की मदद ली. इसी क्रम में दीपावली के दूसरे दिन उसकी पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया. जन्म के कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गयी. इसपर रघुवीर का यह कहना था कि उसने तो अपना काम किया. पूर्व के ओझा ने कुछ गलत किया है. आग में घी का काम कर दिया. आक्रोशित संतोष ने मौका देखकर एक रात सिंहेश्वर के सिर पर प्रहार कर दिया. बाद में उसकी मौत हो गयी.

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