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एनआइए से छूट कर घर लौटा मेहरे आलम

हायाघाट, दरभंगाः एनआइए से छूट कर मेहरे आलम घर लौट आया है. सात नवंबर की देर रात करीब दो बजे मेहरे आलम अपने घर लौटा. बता दें कि एपीएम थाना क्षेत्र के सिधौली निवासी मो महमूद आलम के पुत्र मेहरे आलम को एनआइए की टीम ने 29 अक्टूबर को पटना बुलाया था. उसके बाद से […]

हायाघाट, दरभंगाः एनआइए से छूट कर मेहरे आलम घर लौट आया है. सात नवंबर की देर रात करीब दो बजे मेहरे आलम अपने घर लौटा. बता दें कि एपीएम थाना क्षेत्र के सिधौली निवासी मो महमूद आलम के पुत्र मेहरे आलम को एनआइए की टीम ने 29 अक्टूबर को पटना बुलाया था.

उसके बाद से मेहरे को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती रहीं. वहीं छूट कर आने के बाद मेहरे ने बताया कि 29 अक्तूबर को दिन भर एनआइए के अधिकारी उससे पूछताछ करते रहे. इस दौरान उससे मुजफ् फरपुर जिले के निरपुर निवासी मो अली के बारे में पूछा. गया. इसी दौरान मेहरे को मो हैदर अली की तसवीर दिखायी गयी. मेहरे ने तसवीर देखकर बताया कि करीब तीन साल पहले वह अपनी अम्मा की दवा लेने दरभंगा जा रहा था तभी उसके गांव सिधौली में उससे मुलाकात हुई. वह मो अली के साथ था.

बता दें कि मो अली का पुश्तैनी घर भी सिधौली ही है. इससे मेहरे व अली में पूर्व से पहचान थी. मेहरे ने जब अली से जब उक्त युवक के बारे में पूछा तो उसने उसे अपना दोस्त बताया. इसके बाद तीनों दरभंगा गये. दरभंगा में बीबी चौक के पास दारुल किताब व सुन्नी पुस्तकालय में गये. मेहरे ने बताया कि उसके बाद हैदर से उसकी मुलाकात नहीं हुई है. इसके बाद मेहरे के बयान को 30 अक्तूबर को दर्ज किया गया. मेहरे ने यह भी बताया कि एनआइए के अधिकारियों ने उसके हाथ में कुछ रुपये देकर फोटो भी लिया. इसके बाद 29 अक्तूबर की देर रात एनआइए की टीम उसे लेकर मुजफ्फरपुर चली आयी. मुजफ्फरपुर में एनआइए की टीम उसे लेकर मो अली के घर निरपुर ले गयी. इसके बाद उसे मुजफ्फरपुर के सिद्धार्थ लॉज में रखा गया.

30 अक्तूबर की शाम मेहरे आलम को उसके पिता महमूद आलम से बात करायी गयी. मेहरे ने बताया कि उसे एनआइए के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि वे उसे 31 अक्तूबर की सुबह छोड़ देंगे. इधर, 30 अक्तूबर की रात मेहरे सिद्धार्थ लॉज के एक कमरे में एनआइए के एक सहायक अधिकारी के साथ सोया. 31 अक्तूबर की सुबह उठने पर देखा कि लॉज में एनआइए के कोई अधिकारी नहीं है. केवल एक कांस्टेबल व सहायक वहां थे. उसने सोये हुए सहायक को उठाया और कहा कि हम घर जा रहे हैं. इस पर सहायक ने कहा कि जाओ. मेहरे के अनुसार इसके बाद वह लॉज से निकल गया. यह पूछे जाने पर कि कानपुर से कैसे गिरफ्तार हुए. उसने इस खबर को झूठा बताया और कहा कि उसकी मानसिक व शारीरिक हालत ठीक नहीं थी. वह मुजफ्फरपुर में ही भटकता रहा था. कुछ दिनों में जब उसकी मानसिक हालत ठीक हुई तो वह घर लौटा.

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