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हायाघाट विधानसभा से लाइव….. पेट खाली है तऽ बाते से पेट भरे का

हायाघाट विधानसभा से लाइव….. पेट खाली है तऽ बाते से पेट भरे का मतदान के बाद चुनावी चर्चा में बोले वोटरदरभंगा : हम खड़े हैं हायाघाट विधानसभा क्षेत्र के अकराहा बांध पर. अधिकांश निवासी राज्य के बाहर मजदूरी कर अपना और परिवार का भरण पोषण कर रहें हैं. कई युवक पर्व और मतदान को लेकर […]

हायाघाट विधानसभा से लाइव….. पेट खाली है तऽ बाते से पेट भरे का मतदान के बाद चुनावी चर्चा में बोले वोटरदरभंगा : हम खड़े हैं हायाघाट विधानसभा क्षेत्र के अकराहा बांध पर. अधिकांश निवासी राज्य के बाहर मजदूरी कर अपना और परिवार का भरण पोषण कर रहें हैं. कई युवक पर्व और मतदान को लेकर घर लौटे हैं. दोपहर के 12.30 का समय है. मतदान करने के बाद अकराहा मध्य विद्यालय बूथ से लौटकर कुछ लोग चौकी पर बैठकर चर्चा कर रहे हैं. हमारी गाड़ी वहां पहुंची तो लोग चौकन्ने हो गये. कुछ देर शांति बनी रही. पुन: जब चर्चा हमने छेड़ी तो उन्होंने कहा बाबू हम सब को रोजी रोजगार चाहिए. पेट खाली है तऽ बाते से पेट भरे का! नेता जी तऽ अब पांच साल बादे आयेंगे. चुनाव के वक्त बरसाती मेढक के जैसन नेता सब घुमते हैं. यह दर्द बयां करते वक्त अकराहा निवासी सुंदरी देव, सुरेंद्र सहनी, राधे सहनी का आक्रोश झलक रहा था. उनका आरोप था कि हजारों को रोजगार देने वाला अशोक पेपर मिल वर्षों से बंद पड़ा है. इसे चालू किया जाता तो इलाके के सैकड़ो युवाओं को रोजगार के अवसर मिलते. लेकिन यह कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं बना. जात-पात और अपने मतलब की राजनीति करनेवाले इसे कभी चालू नहीं होने देना चाहते. केरल से आया मतदान करने दरभंगा सुरेंद्रसुरेंद्र केरल के एक निजी कंपनी में वेल्डर का काम करता है. मतदान को लेकर वह एक हफ्ता पहले दरभंगा पहुंचा है. अकराहा मध्य विद्यालय के बूथ संख्या 9 पर अपनी दादी सुंदरी देवी (80) को साइकिल पर बिठाकर मतदान करने पहुंचा. मतदान करने के बाद वह बहुत खुश नजर आ रहा था. उसे उम्मीद थी कि अब अच्छे दिन लौटेंगे और उसे घर में ही रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. सुरेंद्र ने बताया कि वह मतदान को लेकर उत्साहित था और बिना रिजर्वेशन के ही 1600 रुपया फाइन देकर दरभंगा पहुंचा हूं. उसने बताया कि घर में पिता नहीं है तो दादी को वोट दिलाने कौन ले जाता मै आ गया तो मैने भी अपना मतदान किया और दादी ने भी. देखिये इस बार नेता जी क्या कर सकते हैं!बागमती नदी के धार के समीप बसे सिरनियां गांव के लोग अपना वोट गिराने नाव से नदी पार कर सिरनियां मध्य विद्यालय पहुंच रहे हैं. इसके लिए उन्हें नाव वाले को नजराना देना पड़ रहा है.अपना मतदान कर वापस लौटे मो. युसुफ, मो. मुनरुद्दीन, साइमा खातून, मो. गुलजार, शहनाज खातून, गुलशन परवीन, मोजस्सीन परवीन, मो. ओवैश ने मतदान के लिए सुबह से ही तैयारी की थी. उन्होंने कहा कि पुल नहीं होने की वजह से कई वोटर नदी के उसपार वोट डालने नहीं जा सके. कई वर्षों से इस नदी का पुल चुनाव की चर्चा में रहा है लेकिन निर्माण कार्य अबतक शुरू नहीं हुआ. नेता हर चुनाव में वादा तो करते हैं लेकिन हरबार हम ठगा सा महसूस करते हैं. देखिये इस बार नेता जी क्या कर सकते हैं!

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