दरभंगाः शिवधारा से लेकर पंडासराय तक करीब सात वर्ग किलोमीटर में फैली शहर की आबादी जिस ढंग से बढ़ती जा रही है, उस अनुपात में सड़कों के चौड़ीकरण के बदले वह अतिक्रमण से सिकुड़ता जा रहा है. इसका खामियाजा जाम के रूप में शहरवासियों को उठाना पड़ता है. शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए विगत डेढ़ वर्ष से जिला प्रशासन एवं नगर निगम प्रशासन कई घोषणाएं कर चुकी है.
प्रमंडलीय आयुक्त ने भी तीन बार जगह-जगह सड़क जाम से आमलोगों की परेशानी को देखते हुए सड़कों के किनारे अतिक्रमणों को चिह्न्ति कर उसे शीघ्र हटाने का निर्देश दिया था. आयुक्त के निर्देश पर अभियान शुरू भी हुआ, लेकिन दो से तीन दिन के भीतर ही उसकी हवा निकल गयी. पांच मई 2012 को तत्कालीन डीएम की अध्यक्षता में वरीय पुलिस अधीक्षक़, नगर आयुक्त, सदर एसडीओ, डीएसपी एवं नगर अभियंता के साथ हुई बैठक में 34 बिंदुओं पर चर्चा हुई थी.
उस बैठक में करीब एक दर्जन स्थानों पर नो पार्किग जोन के अलावा टेंपो स्टैंड, दोपहिया एवं चारपहिया वाहनों के स्टैंड आदि बनाने के भी निर्णय लिये गये थे. जिला प्रशासन ने इस कार्य को पूरा कराने की जिम्मेवारी नगर निगम प्रशासन को अधिकृत किया था. निगम प्रशासन ने भी तीन दिनों तक शहर का भ्रमण कर प्रशासन द्वारा चिह्न्ति स्थलों पर पार्किग, नो पार्किग जोन, टेंपो ठहराव स्थल आदि स्थलों की कार्य योजना बनाना शुरू किया. लेकिन चार महीने बाद भी उसका अनुपालन नहीं हो सका है.