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मिथिलावासियों का कई वर्षो बाद पूरा हुआ हवाई सफर का सपना, खुशी के निकले शब्द

दरभंगा : हवा में परवाज करने का सपना दशकों से क्षेत्रवासियों ने संजो रखा था. कई बार प्रयास हुआ. इसकी डिमांड उठी, लेकिन सपना सकार नहीं हो सका. 15 जून की तारीख इस नजरिये से इतिहास बन गया. लोगों के सपने को पंख लग गया. हवाई सेवा शुरू हो गयी. सोमवार की दोपहर 12.35 बजे […]

दरभंगा : हवा में परवाज करने का सपना दशकों से क्षेत्रवासियों ने संजो रखा था. कई बार प्रयास हुआ. इसकी डिमांड उठी, लेकिन सपना सकार नहीं हो सका. 15 जून की तारीख इस नजरिये से इतिहास बन गया. लोगों के सपने को पंख लग गया. हवाई सेवा शुरू हो गयी.
सोमवार की दोपहर 12.35 बजे स्प्रिट एयरलाइंस का जहाज जब आसमान पर परवाज भरने लगा तो एकबारगी लोगों को एतबार नहीं हुआ कि यह जहाज उन्हें हवाई सफर की सेवा देने के लिए आया है. इसीलिए आसमान पर चक्कर काट रहा है. जब लोगों को यकीन हो गया कि सेवा शुरू हो रही है तो इस ऐतिहासिक पल को अपनी आंखों में कैद करने के लिए लोगों की भीड़ सैनिक हवाई अड्डा के बाहर जमा हो गयी. जहाज के सकुशल दोपहर 12.35 बजे लैंड कर जाने के बाद जब यह 2.50 बजे फिर से उड़ान भरा तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
खुशी से लोग उछल पड़े. कारण पिछली बार लैंड करने के वक्त ही जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसके बाद यह खटाई में पड़ गया. इसके बाद इस कंपनी ने जिलावासियों के सपने को पंख लगा दिया. और इसके साथ ही यह तिथि इतिहास के पन्‍नों में दर्ज हो गयी.
दरभंगा महाराज को उड़ान भरते देखा करते थे लोग
मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी दरभंगा राज की अवधि में प्रमुख केंद्र हुआ करता था. उस समय महाराज का अपना जहाज उड़ान भरा करता था. लोग उत्सुकता से इसे देखा करते थे. आंखों में हवा में परवाज भरने की इच्छा तैर जाया करती थी. यह ख्वाब मन में संजोये उस पीढ़ी की आखें बूढ़ी हो गयीं. उनका सपना ख्वाब ही रह गया. इसके बाद अगली पीढ़ी की आंखों में इस तमन्ना की डोर तैरने लगी. न तो सरकारी स्तर पर इसके लिए परिणामदायी पहलकदमी की गयी और न ही निजी स्तर से ही यह धरातल पर उतर सका. इसके बाद तो लोग निराश हो चले. आजादी के बाद यह नजारा भी आंखों से ओझल हो गया. बस सेना या फिर राजनेता के जहाज को देख अपना मार लिया करते थे.
एक दशक पूर्व पूरी होते-होते रह गयी थी आस
दरभंगा से विमान सेवा आरंभ करने के लिए निजी कंपनी का यह पहला प्रयास नहीं है. इससे पूर्व भी एक कंपनी ने इसकी कोशिश की थी. वह कंपनी रांची की थी, जिसने चार्टर विमान की सेवा देने की पहल की थी. वह साल 2005 था. सारी तैयारी पूरी होने के बाद निर्धारित तिथि को समय पर विमान यहां हवाई अड्डे पर पहुंचा, लेकिन लैंड करने के दौरान ही यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
इस विमान के पहले यात्री के रूप में तत्कालीन एसएसपी एमआर नायक व व्यवसायी राजू पूर्वें ने अपनी बुकिंग करा रखी थी. दोनों ससमय सफर के लिए पूरी तैयारी के साथ वहां पहुंच गये थे, लेकिन दुर्घटना की वजह से न तो वह तिथि इस दृष्टि से इतिहास में दर्ज हो सकी और न ही वे दोनों ही इसके गवाह बन सके. यूं तो यह दुर्घटना आमजन की नजर में बड़ी नहीं थी. कारण हुआ इतना भर था कि चार्टर विमान लैंड करने के दौरान रन वे नीचे उतर झाड़ी में चली गयी थी. एयरवेज सूत्रों के अनुसार जहाज के चक्के में मिट्टी लगना ही बड़ी दुर्घटना मानी जाती है. इस घटना के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
स्प्रिट एयरलाइंस ने साकार किया सपना
इस घटना के बाद हवाई सफर लगभग चर्चा से भी दूर हो गयी. इस बीच कोलकाता की स्प्रिट एयलाइंस कंपनी ने पहलकदमी की. होमवर्क पूरा किया. इस सेवा को पिछले आठ जून को ही शुरू होना था, लेकिन एयर फोर्स अधिकारियों से आदेश नहीं मिल सकने के कारण उस तिथि को यह शुरू नहीं की जा सकी.
पूर्व निर्धारित तिथि के लिए सांसद कीर्ति आजाद ने सीट बुक करा रखी थी, लेकिन यह उस दिन भी शुरू नहीं हो सकी. इसके बाद तो लोगों का दिल मानो बैठ सा गया, पर सोमवार को जब यात्रियों को लेकर विमान उड़ चला तो इसका नजारा लेने के लिए हवाई अड्डा के समीप जुटी भीड़ में शामिल लोगों के पांव तो धरती पर ही थे, लेकिन उनके सपनों को पंख लग गया.
ख्वाब ने उड़ान भरना शुरू कर दिया.

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