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ऐतिहासिक धरोहर की उपेक्षा

दरभंगा : भूकंप के झटकों से जगह-जगह हुए दरार से जानलेवा बने राजकिला के चारों ओर बोर्ड लगाकर नगर निगम प्रशासन ने अपने कर्त्तव्य का इतिश्री मान लिया है. राजकिला के चारों कोना के निकट बोर्ड पर लिखा गया है – ‘राजकिला का ऊपरी भाग क्षतिग्रस्त है. कृपया वैकल्पिक मार्गो का प्रयोग करें.’ 1940 में […]

दरभंगा : भूकंप के झटकों से जगह-जगह हुए दरार से जानलेवा बने राजकिला के चारों ओर बोर्ड लगाकर नगर निगम प्रशासन ने अपने कर्त्तव्य का इतिश्री मान लिया है. राजकिला के चारों कोना के निकट बोर्ड पर लिखा गया है – ‘राजकिला का ऊपरी भाग क्षतिग्रस्त है. कृपया वैकल्पिक मार्गो का प्रयोग करें.’
1940 में बना था राजकिला
ज्ञात हो कि 1940 में हैदराबाद निजाम के आगमन को लेकर तत्कालीन दरभ्ांगा महाराज कामेश्वर सिंह ने रामबाग स्थित आवासीय परिसर में किला का निर्माण करवाया था. इस किला के पूर्वी-उत्तरी भाग में पूर्ण तथा पश्चिमी एवं दक्षिणी भाग में कुछ भाग में निर्माण कराया गया था. इसके बाद से इस राजकिला की कभी भी मरम्मत नहीं करायी गयी.
विभागीय सूत्रों के अनुसार वर्ष 1988 के भूकंप में राजकिला कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया था. राजकिला के ऊपरी भाग का गुंबद अपने स्थान से खिसक कर जानलेवा बन गये थे. भूकंप के दौरान भी कई गुंबद सड़कों पर गिरे थे. राजकिला की जजर्रता देख तत्कालीन उपविकास आयुक्त (डीडीसी) ने राजकुमार शुभेश्वर सिंह को पत्र भेजा.
पत्र में राजकिला की जजर्रता से भविष्य में जानमाल की होनेवाली क्षति की संभावना जताते हुए जनहित में इसे शीघ्र तोड़ने का सुझाव दिया था. पत्र में डीडीसी ने राजकुमार श्री सिंह को क्षतिग्रस्त दीवार अपने स्तर से जोड़वाने को कहा था. डीडीसी के पत्र के जवाब में राजकुमार शुभेश्वर सिंह ने उन्हें सरकारी व प्रशासनिक स्तर पर स्वयं तोड़वाने को कहा था. उस समय जिला में सेना जवानों की भी प्रतिनियुक्ति की गयी थी. कुछ दिनों तक चर्चा थी कि सेना के जवान जहां-जहां किला का क्षतिग्रस्त भाग है, उसे तोड़ेंगे. लेकिन कार्रवाई के बदले सबकुछ संचिकास्थ हो गया.
नगर आयुक्त ने किया मुआयना
गत 25 अप्रैल को कई बार आयी भूकंप के झटकों से राजकिला के दक्षिणी एवं पूर्वी भाग में तीन जगह गुंबद का भाग टूटकर सड़क के बीच में गिरा. 50 फीट की ऊंचाई से पत्थर के जमाए भारी गुंबद के गिरने के समय महज संयोग था कि उस समय सड़क पर कोई यात्री नहीं था.
अन्यथा व्यापक जानमाल की क्षति होती. भूकंप का झटका शांत होने के बाद नगर आयुक्त महेंद्र कुमार ने गुंबद के क्षतिग्रस्त भागों का मुआयना कर उसे जेसीबी से हटवाया. नगर आयुक्त ने राजकिला की जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने की चर्चा करते हुए डीएम को पत्र भेजा.
राजकिला के चारों ओर पीसीसी मुख्य सड़क है. किला के पूर्वी भाग की सड़क कादिराबाद पॉलिटेक्निक चौक से हसनचक जाती है. प्रधान मुख्य सड़क होने के कारण इस पर पर दिन-रात वाहनों के गुजरने का सिलसिला जारी रहता है. राजकिला के पश्चिमी भाग में चंपानगर से बंगलागढ़ तक घनी आबादी है. राजकिला से मात्र 20 फीट की दूरी पर इन मुहल्लों में बहुमंजिले मकान है.
लगभग यही स्थिति राजकिला के उत्तरी एवं दक्षिणी भाग में भी है. किला के पश्चिमी भाग की सड़क कादिराबाद से रामचौक तक मुख्य सड़क होने से दिन-रात इसपर यातायात चालू रहता है. राजकिला के उत्तरी भाग में आवासीय भवनों के अलावा महिला प्रौद्योगिकी संस्थान (डब्ल्यूआइटी) तथा भारतीय स्टेट बैंक की भी शाखाएं है. इसके कारण इस सड़क पर भी सुबह से देर रात तक लोगों की भीड़ लगी रहती है. राजकिला के दक्षिणी भाग में नाका नंबर 3 से हचनचक दुर्गा मंदिर मोड़ तक घनी आबादी के साथ-साथ बहुमंजिली इमारत है. यहां सड़क की चौड़ाई 20 फीट है.
राजकिला के चारों ओर की जो सड़क है, उसके इर्द-गिर्द से कोई ऐसी सड़क नहीं गुजरी है, जो इसका विकल्प हो सके. इस वस्तुस्थिति से निगम प्रशासन भी अवगत हैं. इसके बावजूद निगम प्रशासक ने राजकिला के चारों ओर बोर्ड लगवाकर अपने दायित्व का निर्वहण मान लिया है.
आंधी-तूफान से आम लीची को नुकसान
तारडीह : सोमवार आइ देर रात आंधी तुफान से आम तथा लीची के फल को काफी नुकसान हुआ है साथ ही बारिश से खेत में लगी मूंग बर्बाद हो गयी है. कितने आम व लीची के पेड़ की टहनी टूट गये तो बगीचे में आम व लीची टूटकर गिर पड़े. बगीचे की रखवाली करनेवाला बगवार माथा पीट रहे हैं. उन्होंने बताया कि कि आम में कोसा हो गया था तथा लीची पकने लगा था. इस आंधी तुफान ने हम सबकों बर्बाद कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि मूंग में दाना आ गया था. कुछ ही दिन बाद मूंग की फसल तैयार हो जाती, लेकिन आंधी पानी से खेत में लगे मूंग की फसल को भी बर्बाद कर दिया. किसानों को कु छ समझ नहीं आ रहा.

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