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400 पार पहुंचा पारा, चल रही गर्म हवा
दरभंगा : तापमान 40 डिग्री से अधिक होने से शनिवार को दरभंगा इस सीजन का सर्वाधिक गर्म दिन रहा. चमड़ा झुलसाने वाली इस गर्मी से सर्वाधिक परेशानी रिक्सा-ठेला चालकों, फुटपाथी दुकानदारों को हुई. दिन के 11 से शाम 5 बजे तक बाजार के साथ-साथ सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा था. पछिया हवा के गर्म थपेड़ों […]
दरभंगा : तापमान 40 डिग्री से अधिक होने से शनिवार को दरभंगा इस सीजन का सर्वाधिक गर्म दिन रहा. चमड़ा झुलसाने वाली इस गर्मी से सर्वाधिक परेशानी रिक्सा-ठेला चालकों, फुटपाथी दुकानदारों को हुई. दिन के 11 से शाम 5 बजे तक बाजार के साथ-साथ सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा था.
पछिया हवा के गर्म थपेड़ों के बीच आधा घंटा धूप में रहने पर भी चेहरा काला होकर गला सूखने लगता है. लगातार पानी पीने के बाद भी प्यास नहीं बुझती. पिछले सप्ताह 18 मई को तापमान 37.3 डिग्री था, जो लगातार बढ़ते हुए आज 40.2 डिग्री तक जा पहुंचा. पूसा(समस्तीपुर) के मौसम वैज्ञानिक की मानें तो इस गर्मी में अभी कुछ दिनों तक और उत्तरोत्तर वृद्धि होगी.
नियमित बिजली आपूर्ति से राहत
तापमान में लगातार जिस तरह उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है, उसमें यदि नियमित बिजली आपूर्ति नहीं होती तो लोगों की बेचैनी और बढ़ जाती. लेकिन उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी की नियमित मॉनीटरिंग के कारण वर्तमान में शहर में 22 से 23 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है. शहर के सभी छह पावर सब स्टेशनों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी फुल लोड बिजली दी जा रही है. जिसके कारण उपभोक्ता अपने घर में सुकून की स्थिति में होते हैं.
21 मई की रात रामनगर ग्रिड के इंसुलेटर में खराबी के कारण करीब छह घंटे तक जिला ब्लैक आउट रहा. इसके बाद से शहर में नियमित बिजली आपूर्ति की जा रही है. गरमी की तपिश का असर बढ़ती गरमी से इस रूप में देखा जा सकता है. पिछले सप्ताह तक रामनगर ग्रिड से जिला में 40 से 42 मेगावाट की आपूर्ति हो रही थी लेकिन विगत तीन दिनों से इसमें वृद्धि होकर यह 60 मेगावाट तक पहुंच गया है.
नगर विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार दास ने बताया कि रामनगर ग्रिड के डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर पर एकाएक डेढ़ गुणा अधिक लोड पड़ने से कई पावर सब स्टेशनों के ट्रांसफॉर्मरों से लो वोल्टेज की भी समस्या हो गयी है.
फलों की बिक्री में तेजी : हलक सुखाने वाली गर्मी से निजात को लेकर सामयिक फल, ककड़ी, खीरा, बतिया, तरबूजा, खरबूजा की मांग बढ़ गयी है. खीरा का आवक तो स्थानीय स्तर पर भी ग्रामीण क्षेत्रों से होती है. लेकिन ककड़ी, बतिया, तरबूजा, खरबूजा आदि फलों का आवक समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया एवं उसके आसपास के जिलों से हो रही है. लहेरियासराय गुदरी एवं दरभंगा गुदरी में ये सभी फल थोक भाव में भी बिक रहे हैं.
पेय पदार्थो की बढ़ी मांग
उमस भरी गर्मी से गला तर करने के लिए इन दिनों लस्सी, बेल का शर्बत्त, शीतल पेय, पानी का बंद बोतलों की मांग बढ़ गयी है. आयकर चौक, दरभंगा टावर, कादिराबाद, स्टेशन रोड, बेंता, लहेरियासराय टावर, बाकरगंज में करीब दो दर्जन से अधिक लस्सी की दुकानें हैं.
आयकर चौक से उत्तर लस्सी विक्रेता गौड़ी शंकर ने बताया कि सामान्य दिनों की तुलना में डेढ़ गुणा से अधिक इसकी मांग बढ़ गयी है. लगभग यही स्थिति बेल के शर्बत्त बेचनेवालों की भी है.
शहर के विभिन्न मुहल्लों में करीब चार-पांच दर्जन से अधिक बेल शर्बत की दुकानें जहां-तहां ठेला लगाकर इस व्यवसाय से जुड़े हैं. शीतल पेय सहित भरे पानी के बोतल की मांग भी बढ़ गयी है.
शहर में शीतल पेय के तीन थोक विक्रेता हैं. उनलोगों के यहां विगत पांच दिनों से खुदरा विक्रेताओं की ओर से मांग बढ़ गयी है. लगभग यही स्थिति बोतलबंद पानी की भी है.
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