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अपनी शर्तो को पूरा नहीं कर सका था एटूजेड

दरभंगाःनगर निगम के साथ जिन शर्तो पर सफाई व्यवस्था संबंधी अनुबंध ए टू जेड इन्फ्रास्ट्रर ने किया था, उसे लगातार चेतावनी के बावजूद अनुपालन नहीं करने के कारण ही भुगतान बंद कर अनुबंध समाप्त किया है. यह मानना है कि नगर निगम के अधिकारियों का. सड़कों की सफाई संबंधी उपस्कर, नालों की सफाई के लिये […]

दरभंगाःनगर निगम के साथ जिन शर्तो पर सफाई व्यवस्था संबंधी अनुबंध ए टू जेड इन्फ्रास्ट्रर ने किया था, उसे लगातार चेतावनी के बावजूद अनुपालन नहीं करने के कारण ही भुगतान बंद कर अनुबंध समाप्त किया है. यह मानना है कि नगर निगम के अधिकारियों का. सड़कों की सफाई संबंधी उपस्कर, नालों की सफाई के लिये शाकिंग मशीन एवं कचरा उठाव संबंधी उपस्करों के लिये उसने जो एग्रीमेंट किया था, उसे 15 महीने के कार्यावधि में पूरा नहीं कर सका.

विभागीय सूत्रों के अनुसार 30 अप्रैल 2011 को तत्कालीन मेयर अजय पासवान ने पत्रंक 880 के आलोक में दिया था. एग्रीमेंट के एक सप्ताह बाद उन्होंने दरभंगा टावर से सफाई अभियान का शुभारंभ किया था. ठोस अवशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2000 की धारा के तहत निगम प्रशासन के कचरा उठाव के लिये ए टू जेड को 899 रुपये प्रति क्विंटल का दर निर्धारित किया था. प्रतिदिन उठाव होनेवाले कचरा का वजन बेला स्थित धर्मकांटा पर होता था. वहां दो निगम कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी की गई थी.

सूत्रों के अनुसार सफाई कार्य प्रारंभ करने के बाद शहर के विभिन्न भागों में ए टू जेड की कार्य पद्धति की सराहना की गयी. एग्रीमेंट संबंधी शर्तो के अनुरूप उसे भुगतान भी हो रहा था. लेकिन मार्च 2012 का विपत्र 18,62,095 रुपये, अप्रैल का विपत्र 18,80,072 रुपये, मई का विपत्र 19,29,371 रुपये, जून का विपत्र 17,20,147 रुपये और जुलाई 2012 का विपत्र 12,81,245 रुपये जमा करने पर विधायक अमरनाथ गामी ने इस मामला को विधान सभा में भी उठाया था. उनकी शिकायत थी कि शहर की प्रमुख सड़कों एवं एक दर्जन वार्डो की ही सफाई की जिम्मेवारी ए टू जेड को दी गयी है तो प्रारंभ के दस महीने के बाद अचानक दो गुणा से भी अधिक विपत्र कैसे आ रहा है. निगम बोर्ड की बैठक में भी इस पर काफी हंगामा हुआ था. बोर्ड में सदस्यों ने जांच के बाद ही विपत्रों के भुगतान करने का निर्णय लिया था.

इस बीच ए टू जेड ने हाई कोर्ट में बकाया भुगतान के लिये जो मामला सीडब्ल्यूजेसी-21423/12 दायर किया, उसमें नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव, डीएम दरभंगा, नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त एवं मेयर के विरुद्ध याचिका दायर की थी. न्यायाधीश रमेश कुमार दत्ता की कोर्ट ने नगर आयुक्त को उक्त बकाया राशि का भुगतान दो माह के भीतर करने को कहा है. नगर आयुक्त ने न्यायालय आदेश के बाद ए टू जेड के प्रतिनिधि से वात्र्ता कर आगामी 30 सितंबर को पुन: उन्हें बुलाया है. वैसे निगम कर्मियों के बीच यह चर्चा का विषय बना है कि इसमें भुगतान का मापदंड क्या होगा.

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