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कोशी का नहीं हुआ जीर्णाेद्धार, बागमती का भी नहीं खुला ताला
दरभंगा : लनामिवि के कोशी स्नातकोत्तर छात्रवास में रहनेवाले छात्रों की समस्याएं यथावत बनी है. समस्याओं के प्रति विवि प्रशासन की उदासीनता एवं कोरे आश्वासनों से छात्र आजिज आ चुके हैं. विवि प्रशासन के प्रति उनका आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है. 17 मार्च को प्रोवीसी प्रो. सैय्यद मुमताजुद्दीन की अध्यक्षता में छात्रों की समस्याओं […]
दरभंगा : लनामिवि के कोशी स्नातकोत्तर छात्रवास में रहनेवाले छात्रों की समस्याएं यथावत बनी है. समस्याओं के प्रति विवि प्रशासन की उदासीनता एवं कोरे आश्वासनों से छात्र आजिज आ चुके हैं. विवि प्रशासन के प्रति उनका आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है. 17 मार्च को प्रोवीसी प्रो. सैय्यद मुमताजुद्दीन की अध्यक्षता में छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए बैठक भी हुई. बैठक में छात्र कल्याणाध्यक्ष डॉ केपी सिंहा, छात्रवास अधीक्षक डॉ एनके अग्रवाल, कु लानुशासक डॉ अजय नाथ झा, कार्यपालक अभियंता सोहन चौधरी आदि मौजूद थे.
छात्रों की समस्या एवं मानवीय पहलू को देखते हुए एक सप्ताह में कोशी के छात्रों को नवनिर्मित बागमती स्नातकोत्तर छात्रवास में शिफ्ट कराने का निर्णय लिया गया था. साथ ही अविलंब कोशी के जिर्णोद्धार कार्य शुरु करने का निर्णय भी लिया गया. दो सप्ताह से अधिक बीतने के बाद भी निर्णय का अनुपालन नहीं हो पाया. ना तो कोशी का जिर्णोद्धार कार्य शुरु हुआ और न ही बागमती का ताला खुला. कोशी के छात्र कोशी में ही हैं. जजर्र कोशी में समस्याओं से जूझने को छात्र मजबूर हैं.
अवैध कब्जे से नहीं मिल रही मुक्ति
छात्रवास में वर्षो से अवैध कब्जा का सिलसिला कायम है. अभी तक इससे मुक्ति नहीं मिल पायी है. हालांकि विवि के अधिकारी लगातार इससे इनकार करते रहे हैं. पर विवि सूत्रों की माने तों यह समस्या कोई नयी नहीं है. इससे पूर्व कई बार इसे लेकर जिला प्रशासन से भी सहयोग मांगा जा चुका है. विवि में इसका रिकार्ड भी है. बहरहाल स्थित जस की तस बनी हुई है.
सरस्वती पूजा से ही चल रही शिफ्ट कराने की बात
छात्रों की माने तो कोशी से बागमती में शिफ्ट करने की चर्चा सरस्वती पूजा के समय से ही चल रही है. पर विवि की कार्यप्रणाली दो देखकर अंदाजा लगाना मुश्किल है कि यह कब हो पायेगा. छात्रों ने यह भी बताया कि 15 अगस्त 2014 को जब कुलपति डॉ साकेत कुशवाहा छात्रवास पहुंचे थे तो उस समय मेन गेट के छज्जे का एक टुकड़ा उनकी गाड़ी पर गिरा था. उसी समय कुलपति डॉ कुशवाहा ने छात्रों को बागमती में शिफ्ट कराने की बात कही थी.
छात्रों में है रोष
छात्रवास के छात्र नाम बताने से कतराते हैं. मानों उन्हें किसी कार्रवाई का डर हो. हालांकि नाम न छापने के शर्त्त पर छात्रों ने बताया कि जब भी अपनी समस्याएं अधिकारियों के समक्ष रखते है तो उन्हें के वल आश्वासन ही मिलता है. विवि प्रशासन के कोरे आश्वासनों से वे तंग आ चुके है. छात्रवास की दयनीय हालत का सीधा असर उनकी पढ़ाई लिखाई पर भी पड़ता है, पर मानो विवि के अधिकारियों को इसकी चिंता ही नहीं है. अवैध कब्जा के सवाल पर वे कतराने लगे, हालांकि दबी जुबान उन्होंने इसे स्वीकार भी किया.
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