दरभंगाः नगर थाना क्षेत्र के दोनार चौक से 24 जुलाई की देर शाम अपहृत बेनीपुर कोर्ट के मुंशी व बहादुरपुर थाना क्षेत्र के बलभद्रपुर नवटोल रघेपुरा निवासी रामसेवक यादव की हत्या कर दी गयी है. रामसेवक की हत्या की सुपारी उनके पुत्र विनय कुमार यादव ने ही दी थी. उसने अपराधियों से तीन लाख रुपये में सौदा किया था. विनय ने अपराधियों को डेढ़ लाख रुपये नगद, सोने का दो मंगलसूत्र, सोने का दो चेन, लॉकेट व कान की बाली भी अग्रिम के तौर पर दी थी.
पुलिस ने इस संबंध में मृतक के पुत्र विनय कुमार, दामाद सुशील कुमार यादव, दोस्त राजन कुमार सिंह, अजीत पासवान व समीर कुमार चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से घटना में प्रयुक्त बाइक के अलावा 14 मोबाइल, छह सिम कार्ड, 32 हजार रुपये, सोने का दो मंगलसूत्र, दो चेन, लॉकेट व कान की बाली बरामद की है. एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने इसकी पुष्टि की है.
एसएसपी श्री शर्मा ने मंगलवार को बताया कि 24 जुलाई की शाम दोनार चौक के पास से बेनीपुर कोर्ट के मुंशी रामसेवक यादव के अपहरण की प्राथमिकी उनके पुत्र विजय यादव ने दर्ज बहादुरपुर थाने में दर्ज करायी. अपहरण कांड के उदभेदन के लिए एसडीपीओ बिरौल सह प्रभारी एसडीपीओ सदर दिलनवाज अहमद के नेतृत्व में एक टीम बनायी गयी जिसमें बहादुरपुर थानाध्यक्ष दिनेश पासवान, लहेरियासराय थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, बलभद्रपुर शिविर थानाध्यक्ष पंकज कुमार पंत पुअनि संतोष कुमार सिंह, अशोक कुमार कुंवर, नगर थाना के सअनि धनराज कुमार शामिल थे.
एसएसपी ने बताया कि टीम ने त्वरित गति से काम शुरू किया. सबसे पहले अपहृत के मोबाइल नंबर का सीडीआर निकाला गया. कॉल डिटेल में करीब दो दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी. उन्होंने बताया कि इस क्रम में कई बार अनुसंधान का रास्ता ही बंद हो गया था. तभी एक मोबाइल चोर अजीत पासवान पुलिस के हत्थे चढ़ा. उसने बताया कि सिम समीर कुमार को और मोबाइल सोनू नामक एक युवक को दिया है. उसने यह भी बताया कि समीर अपहृत मुंशी के छोटे पुत्र विनय का दोस्त है. पुलिस ने शक के आधार पर समीर और अजीत को थाने लाकर पूछताछ की. पूछताछ में दोनों ने अपहरण कांड में संलिप्तता स्वीकार की. दोनों की निशानदेही पर बाबू साहेब कॉलोनी से विनय कुमार सिंह के पुत्र राजन कुमार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार युवकों ने बताया कि अपहृत के छोटे लड़के विनय कुमार के साथ वह जिम में कसरत करने जाते हैं.
इसी दौरान विनय ने अपने पिता रामसेवक यादव की हत्या करवाने की बात कही गयी. गिरफ्तार युवकों ने बताया कि विनय कहता था कि उसके पिता दुराचारी हैं. इनकी हत्या से उसे अनुकंपा पर नौकरी भी मिल जायेगी. समीर और राजन ने स्वीकार किया कि रामसेवक के पुत्र विनय ने तीन लाख रुपये में अपने पिता की हत्या की सुपारी दी थी. सुनियोजित योजना के तहत राजन ने चार दिन पहले से मुंशी रामसेवक से एक केस में पैरवी को लेकर नजदीकी बढ़ायी. 24 जुलाई की शाम मुंशी रामसेवक को दोनार चौक पर बुलाया गया. वहां एक बीयर बार में समीर कुमार चौधरी, अजीत कुमार पासवान, अवधेश कामती, राजन कुमार सिंह, विक्रम चौधरी, तूफानी व दूबे मौजूद थे. बीयर बार में खाने-पीने के दौरान रामसेवक के भोजन में नशीला पदार्थ मिला दिया. बेहोशी की स्थिति में उजले रंग की डायकोर गाड़ी में रामसेवक का अपहरण कर मुजफ्फरपुर की ओर ले गये. वहां उसी रात मोतीपुर थाना क्षेत्र के कांटी पुल के पास गला दबाकर हत्या के बाद शव को फेंक दिया. एसएसपी ने बताया कि राजन की निशानदेही पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो पता चला कि मोतीपुर पुलिस ने 25 जुलाई को एक अज्ञात शव बरामद किया था. 72 घंटे तक शव को सुरक्षित रखने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. थाने में जब्त किये गये मृतक के कपड़े, चप्पल व फोटो से मृतक के पुत्र ने शव की पहचान की.