तीन दिनों से कहीं नहीं मिल रही मजदूरी फोटो संख्या- 18 से 25 तक लगातार परिचय- मजदूरों की तसवीर दरभंगा- विगत एक सप्ताह से चल रहे शीतलहर ने दिहाड़ी मजदूरों को दो पाटन के बीच पिसने को विवश कर दिया है. शीतलहर के कारण उन्हें कहीं भी कोई काम नहीं मिल रहा है. काम की तलाश में वे मजदूर बस स्टैंड या जिस किसी चौक-चौराहे पर खड़ा रहते हैं उसमें कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में उन मजदूरों पर क्या बीतती होगी, यह स्वत: अनुमान किया जा सकता है. सोमवार को कादिराबाद बस स्टैंड में सामान को बस पर चढ़ाने की उम्मीद में (मोटिआ) बेचन यादव एवं मनोज राम ने बताया कि आज दिनभर में बोहनी भी नहीं हुआ. पटना, मुजफ्फरपुर से जितनी भी बसें आती है, उनमें न यात्री रहते हैं न सामान. दिनभर काम की उम्मीद में स्टैंड में बैठे रहने पर और ठंड लगती है. स्टैंड परिसर या इसके आसपास कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं है. वहीं बैठे भरोसी साह एवं बैजू यादव ने बताया कि सामान्य दिनों में बाहर से आने वाले बसों से सामान उतारने-लादने में कम से कम दो-ढाई सौ रुपये की कमाई हो जाती थी. लेकिन तीन दिनों से दिनभर में 20-25 रुपये की भी कमाई नहीं होती. इन दिहाड़ी मजदूरों के शरीर पर ठंड से जूझने को पर्याप्त कपड़े भी नहीं है. ऐसी स्थिति में इन गरीबों को पूस की इस शीतलहर के प्रति कैसी धारणा बनती होगी?जिला प्रशासन से लेकर नगर निगम प्रशासन करीब पांच दर्जन से अधिक जगहों पर अलाव जलाने का दावा कर रही है. लेकिन शायद इनमें अधिकांश जगहों पर फाइल में ही अलाव जल रहा है. जहां कहीं जल भी रहा है वहां शाम 5 बजे दो-तीन लकड़ी का टुकड़ा जलाकर खानापूरी की जा रही है.
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शीतलहर : दो पाटन के बीच पिस रहे मजदूर
तीन दिनों से कहीं नहीं मिल रही मजदूरी फोटो संख्या- 18 से 25 तक लगातार परिचय- मजदूरों की तसवीर दरभंगा- विगत एक सप्ताह से चल रहे शीतलहर ने दिहाड़ी मजदूरों को दो पाटन के बीच पिसने को विवश कर दिया है. शीतलहर के कारण उन्हें कहीं भी कोई काम नहीं मिल रहा है. काम की […]
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