दरभंगा : कुलाधिपति सह राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि हमें अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए, चाहे वह खंडहर ही क्यों न हो. कितनी भी तरक्की कोई क्यों न कर ले, सांस्कृतिक विरासत ही उसकी पहचान होती है.
श्री टंडन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में आयोजित अंतर विवि सांस्कृतिक प्रतियोगिता ‘तरंग’ का बुधवार को उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मनीषियों की तपोभूमि, लोकनायकों के पुरुषार्थ से ऊर्जावान तथा विद्यापति की पदावली से सिक्त मिथिला की धरती पर आकर वह अपने को सौभाग्यशाली समझ रहे हैं. कहा कि अध्यात्म जगत में सिद्धांत को लेकर विवाद पर समाधान के लिए काशी तथा व्यवहार के संशय पर मिथिला ने हमेशा से रास्ता दिखाया है.