इंजन देखने को प्रतिदिन स्टेशन परिसर आते हैं बच्चे, युवा व बुजुर्ग
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आज जीएम करेंगे लोकार्पण, मधुबनी के लोहट चीनी मिल से लाया गया है इंजन
इंजन देखने को प्रतिदिन स्टेशन परिसर आते हैं बच्चे, युवा व बुजुर्ग दरभंगा : पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी मंगलवार को लोहट से दरभंगा जंक्शन पर लाये गये 128 साल पुराने हैरिटेज इंजन का उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम को लेकर स्टेशन पर अधिकारी एवं कर्मी तैयारी में जुटे हैं. स्टेशन के बाहरी परिसर में […]
दरभंगा : पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी मंगलवार को लोहट से दरभंगा जंक्शन पर लाये गये 128 साल पुराने हैरिटेज इंजन का उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम को लेकर स्टेशन पर अधिकारी एवं कर्मी तैयारी में जुटे हैं. स्टेशन के बाहरी परिसर में रखे गये हैरिटेज इंजन के नीचे फर्श निर्माण व सजावट का काम अंतिम चरण में है. देर रात तक उद्घाटन स्थल को सजाने-संवारने का काम चलता रहा. स्टेशन के प्रवेश द्वार के सामने इंजन को लगाया गया है.
इंजन की सुरक्षा पर रेलवे का विशेष ध्यान: 25 अगस्त को जक्शन के निरीक्षण के
ऑदौरान डीआरएम आरके जैन ने रेलवे सफर की पुरानी यादों से जोड़ने के लिये रखे गये हैरिटेज इंजन का मुआयना किया था. इंजन के रंग-रोगन व बनाये गये सिग्नल के अवलोकन के दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से डीआरएम ने संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिये थे. डीआरएम ने इंजन स्थल पर गमले लगाने का निर्देश दिया था. कहा था कि गमले ऐसे लगायें कि दीवाल की तरह व आकर्षक दिखे.
आधे घंटे का होगा उदघाटन समारोह : हैरिटेज इंजन के उद्घाटन को लेकर जीएम श्री
त्रिवेदी सुबह आठ बजे
स्पेशल सैलून से सुबह 8.30 बजे पटना से यहां के लिए प्रस्थान
करेंगे. सुबह 11.30 बजे
उनके दरभंगा जक्शन पहुंचने की संभावना है. यहां इंजन का उद्घाटन करने के बाद जीएम सकरी के लिए प्रस्थान कर जाएंगे. सकरी दोपहर 12.30 बजे पहुंचेंगे. वहां से जीएम सकरी-निर्मली बड़ी रेल लाइन निर्माण कार्य का निरीक्षण करने निकल जाएंगे. सकरी से जीएम की यात्रा सड़क मार्ग से होगी. वापसी में जीएम सकरी स्टेशन से सैलून में बैठकर विंडो ट्रालिंग माध्यम से रूट में पड़ने वाले सभी स्टेशनों का ट्रैक, सिगनल व स्टेशन की स्थिति का जायजा लेंगे.
क्या है हैरिटेज इंजन का महत्व
नार्थ वेस्टर्न रेलवे के अधीन वर्ष 1890 से 1942 ई. तक हैरिटेज इंजन ने अपनी सेवा दी थी. इंजन का निर्माण इंग्लैंड में सन 1885 में किया गया था. इसके बाद दरभंगा महाराज की सेवा में यह इंजन (नंबर-235) दे दिया गया. बता दें कि दरभंगा महाराज की तिरहुत स्टेट रेलवे कंपनी की स्थापना 1873 में की गयी थी. बाद में महाराजा ने लोहट चीनी मिल को गन्ना की ढुलाई के लिए इंजन दे दिया. बता दें कि अब इस तरह के इंजन का इस्तेमाल नहीं होता है. इसे लोग आश्चर्यवत देखते हैं. स्थानीय लोगों से इसके बारे में जानकारी लेते हैं. सात जुलाई 2018 को लोहट चीनी मिल से लाकर दरभंगा स्टेशन पर इसे संरक्षित किया गया है. रंग-रोगन कर इसे आकर्षक लुक रेलवे ने दिया है.
स्टेशनों का विंडो निरीक्षण
हैरिटेज इंजन के उद्घाटन व सकरी- निर्मली लाइन के निर्माण कार्य को देखने के बाद जीएम खिड़की से 11 स्टेशनों की स्थिति का पड़ताल करेंगे. इसमें सकरी, तारसराय, काकरघाटी, दरभंगा, लहेरियासराय, थलवाड़ा, हायाघाट, रामभद्रपुर, किशनपुर, मुक्तापुर व समस्तीपुर स्टेशन शामिल है.
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