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बिहार : अब फॉरवर्डेड ई-टिकट विवरण पर सफर करना होगा अवैध, लगेगा जुर्माना
दरभंगा : रेल महकमा ने अब इ-टिकट में चल रहे बिचौलिये के खेल पर नकेल कसने की कवयाद शुरू कर दी है. इसे लेकर नये निर्देश जारी किये गये हैं. इसके तहत अब अगर कोई यात्री अग्रेषित (फाॅरवर्डेड) ई-टिकट विवरण पर सफर करते पकड़े जायेंगे तो उनसे जुर्माने की वसूली की जायेगी. इतना ही नहीं […]
दरभंगा : रेल महकमा ने अब इ-टिकट में चल रहे बिचौलिये के खेल पर नकेल कसने की कवयाद शुरू कर दी है. इसे लेकर नये निर्देश जारी किये गये हैं. इसके तहत अब अगर कोई यात्री अग्रेषित (फाॅरवर्डेड) ई-टिकट विवरण पर सफर करते पकड़े जायेंगे तो उनसे जुर्माने की वसूली की जायेगी. इतना ही नहीं निजी पंजीकृत आइडी से बनाये गये टिकट में डिलिवरी मोबाइल नंबर दूसरे का डाला जाना भी अब अवैध माना जायेगा.
इस कार्य को रेल प्रशासन बिचौलिये मानेगा.
इसे लेकर रेलवे ने कमर कस लिया है. यात्रियों को सहज रूप से आरक्षण का लाभ मिल सके, इसके लिए यात्रियों को जागरूक करने काम भी आरंभ कर दिया है. इतना ही नहीं निर्धारित दर से अधिक पैसे की वसूली पर लगाम लगाने के लिए आइआरसीटीसी ने अपनी ओर से दो टॉल-फ्री नंबर भी जारी कर दिये हैं, जिसके जरिये यात्री बंधित बुकिंग एजेंट के खिलाफ अपनी शिकायत कर सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि लंबी दूरी की तमाम ट्रेनों में आरक्षण के लिए सालों भर मारामारी चलती रहती है. प्राय: किसी भी ट्रेन में ऑन डिमांड रिजर्वेशन नहीं मिल पाता. आरक्षण की इस किल्लत का टिकट बिचौलिये जमकर फायदा उठाते हैं. इसे देखते हुए रेलवे ने अपने काउंटर से जारी होनेवाले आरक्षण टिकट में बिचौलिये के सारे रास्ते बंद करने का अपनी ओर से भरसक प्रयास किया है. अब इ-टिकट में बिचौलिये बंद करने की ओर रेलवे मुखातिब हुआ है.
अवैध उगाही पर लगाम लगाने की तैयारी
इतना ही नहीं आइआरसीटीसी ने एजेंटों की ओर से निर्धारित दर से अधिक राशि की वसूली पर लगाम लगाने के लिए दो टॉल-फ्री नंबर जारी किये हैं. अगर किसी यात्री से एजेंट अधिक राशि की मांग करता है तो यात्री 0113934000 व 01123340000 नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. विभाग उस पर कार्रवाई करेगा. मालूम हो कि पिक सीजन में स्लीपर क्लास के लिए एक यात्री से एजेंट पांच से सात सौ रुपये तक लेते हैं.
समस्तीपुर रेल मंडल का सुझाव देश भर में हुआ लागू
ई-टिकट पर नकेल कसने के लिए नयी तैयार योजना का श्रेय समस्तीपुर रेल मंडल को है. बताया जाता है कि एसीएम नरेंद्र कुमार ने इस पर लगाम लगाने के लिए रेल मुख्यालय को सुझाव भेजा, जिसे जोन ने रेलवे बोर्ड को भेज दिया. इसी पर इन दिनों पर पूरे भारतीय रेल में विशेष अभियान चल रहा है. इसमें ट्रांस्फर टिकट की सघन जांच हो रही है. इसमें फिलहाल टिकट जेनरेट करनेवाले की जानकारी टीटी इक्कठा कर रहे हैं. इन सभी की जांच भी शुरू हो गयी है. बता दें कि गत 23 जनवरी से आरंभ यह स्पेशल ड्राइव आगामी 31 जनवरी तक चलेगा.
रेलवे ने यात्रियों के हित में जारी किये ये निर्देश
निजी पंजीकृत मोबाइल या इंटरनेट आइडी पर किसी दूसरे व्यक्ति के लिए इ-टिकट की बुकिंग नहीं की जाये.
निजी पंजीकृत आइडी से बनाये गये इ-टिकट में डिलवेरी मोबाल संख्या किसी दूसरे व्यक्ति के लिए डाला जाना अवैध टिकट बिचौलिये का द्योतक है.
अधिकृत एजेंट से ही इ-टिकट की बुकिंग करायें.
अवैध अनधिकृत एजेंट से बुकिंग कराये जाने पर गलत बुकिंग प्रावधान के लिए यात्री भी जुर्माना एवं दंड के भागी हो सकते हैं.
किसी के मोबाइल से अग्रेषित इ-टिकट विवरण पर यात्रा करना अवैध व अमान्य है. सफर के दौरान पकड़े जाने पर यात्री भी दंड के भागी हो सकते हैं.
बिचौलियों को रोकने के लिए बनायी गयी योजना
टिकट में बिचौलिये को रोकने के लिए पूरी तैयारी के साथ योजना बनायी है. मुख्यालय को सुझाव दिया है कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जो भी व्यक्ति अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करें, उनसे से उसी समय उनके रिश्तेदारों के नाम भी पंजीकृत करा लिया जाये, ताकि भविष्य में खुद या अपने रिश्तेदारों का टिकट जेनरेट करना पूरी तरह सुनिश्चित किया जा सके. वहीं, आधार नंबर से लिंक होने के कारण फिलहाल टिकट जेनरेट करनेवाले का सफर करनेवाले से संबंध की जानकारी ली जा रही है.
ट्रांसफर टिकट के बारे में पूरी जानकारी लेने का निर्देश टीटी को दिया गया है. उनसे मिली जानकारी के आधार पर टिकट जेनरेट करनेवाले की जांच की जायेगी. अगर दोषी पाये गये तो कानूनी प्रावधान के तहत उन पर कार्रवाई की जायेगी.
नरेंद्र कुमार, एसीएम रेल मंडल, समस्तीपुर
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