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अफसरों ने डीलरों से लिये पैसे

धांधली. रजिस्टर बदलवाने के िलए हर दुकानदार से वसूले गये 1000-1500 रुपये! सरकारी िवभागों में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग रहा है. पहले भी डीटीओ कार्यालय में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, नप में शौचालय, ग्रामीण विकास विभाग में मनरेगा व स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की खरीद में घोटाले का खुलासा हो चुका है. आइसीडीएस में भी […]

धांधली. रजिस्टर बदलवाने के िलए हर दुकानदार से वसूले गये 1000-1500 रुपये!

सरकारी िवभागों में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग रहा है. पहले भी डीटीओ कार्यालय में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, नप में शौचालय, ग्रामीण विकास विभाग में मनरेगा व स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की खरीद में घोटाले का खुलासा हो चुका है.
आइसीडीएस में भी धांधली चरम पर है. आंगनबाड़ी केंद्रों से वसूली जारी है. बेतिया राज की जमीनों पर कब्जा हो रहे हैं. अब जन वितरण प्रणाली में भी भ्रष्टाचार की शिकायत आयी है. यहां रजिस्टर बदलवाने के एवज में 21 लाख की वसूली की गयी है.
बेतिया : जिला प्रशासन की भौंहे इन दिनों राशनकार्ड धारकों को राशन मुहैया करानेवाली जन वितरण प्रणाली पर तनी हैं. इसकी कार्यशैली, शिकायत व धांधली पर प्रशासन सख्त है.
कलेक्ट्रेट में हो रही अमूमन हर बैठकों में जन वितरण से जुड़ी शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी हो रहे हैं. घपलेबाजों को चेताया जा रहा है. बावजूद इसके पीडीएस में धांधली नहीं थम रही है.
ताजा मामला नये साल में डीलरों के लिए खोले जा रहे रजिस्टर में भ्रष्टाचार से जुड़ा है. आरोप है कि अफसरों ने बिचौलियों के जरिए प्रति दुकानदार रजिस्टर बदलवाने के एवज में एक हजार से 1500 रुपये तक की वसूली कर ली है. वह भी नीचे से ऊपर तक हिस्सा देने की बात कह कर पैसा वसूला गया है. हर साल पीडीएस दुकानों के नये रजिस्टर खोलने का प्रावधान है. रजिस्टर खोलने के लिए संबंधित प्रखंड के पदाधिकारी की अनुमति जरूरी है.
रजिस्टर खुलने के बाद ही राशन, केरोसिन आदि का उठाव व वितरण किया जा सकता है. इस साल भी नये रजिस्टर खुलवाने का कार्य शुरू हुआ, तो इसमें अवैध वसूली की जाने लगी. प्रति दुकानदार रजिस्टर खुलवाने के नाम पर 1000 से 1500 तक की राशि ली गयी. इसमें प्रखंडों के बिचौलिये शामिल थे. मामले की जांच हो, तो यह पूरा मामला खुल सकता है. हालांकि, जन वितरण प्रणाली में धपलेबाजी, धांधली व शिकायत का मामला आता है, तो अमूमन पीडीएस दुकानदार, ठेकेदार ही कार्रवाई के दायरे में आते हैं. भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी मुलाजिम पूरी साफगोई से बच जाते हैं. अब मामला डीएम तक पहुंचा है. जांच होने पर इसकी पूरी सच्चाई सामने आ सकती है.
जिले में जन वितरण प्रणाली की कुल 2058 दुकानें हैं. जहां से हर माह राशन कार्ड धारकों को राशन व केरोसिन सस्ते दर पर मुहैया कराया जाता है. आरोप के मुताबिक, रजिस्टर खुलवाने के नाम पर एक दुकान से 1000 से 1500 रुपये तक की वसूली हुई है. यदि एक हजार का ही आंकड़ा मानें, तो 2058 दुकानों से 20.58 लाख रुपये महज रजिस्टर खुलवाने के नाम पर लिये गये हैं. अभी स्टॉक पंजी, निरीक्षण, राशन उठाव, वितरण में हो रही वसूली अलग से है.
डीएम से की गयी है शिकायत
फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन की ओर से इस संदर्भ में डीएम को एक शिकायती पत्र भी सौंपा गया है. संघ के महामंत्री मदन लाल गुप्ता ने इसमे शिकायत की है कि नये साल में डीलरों के लिए खोले जा रहे नये रजिस्टर में बेतिया व नरकटियागंज अनुमंडल के प्रखंडों के एमओ बिचौलियों के माध्यम से डीलरों से एक हजार से 1500 रुपये की अवैध वसूली किये हैं.
प्रति ड्राम चार लीटर कम केरोसिन राशन में भी हेराफेरी
जन वितरण प्रणाली में धांधली यूं ही नहीं है. यहां कदम-कदम पर हेराफेरी की पटकथा पहले से तैयार है. केरोसिन व राशन उठाव केंद्रों से ही इसकी शुरुआत हो जाती है. यहां प्रति ड्रम चार लीटर कम केरोसिन डीलरों को मिलता है. राशन में भी कटौती की जाती है. यदि कोई डीलर इस पर विरोध करता है तो उसे तमाम नियम-कानून पढ़ाये जाने लगते हैं. कार्रवाई तक का डर दिखाया जाता है. लिहाजा दुकानदार भी ग्राहकों को कम राशन व केरोसिन देकर इस घाटे को पूरा करता है. नाम न छापने की शर्त पर उक्त जानकारी देते हुए एक पीडीएस दुकानदार ने बताया कि यदि दुकानदारों से वसूली बंद हो जाय तो जन वितरण में कोई धांधली नहीं रहेगी.

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