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2015 के चुनाव परिणाम ने बदला सिकटा का इतिहास
बेतिया : सिकटा विधानसभा का इतिहास ही इस बार के चुनाव परिणाम ने बदल कर रख दिया. करीब दो दशक से इतिहास था कि इस विधानसभा से जो उम्मीदवार जीतता है उसकी पार्टी का सरकार राज्य में नहीं बनती थी. वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा में निर्दलीय दिलीप वर्मा चुनाव जीते थे. […]
बेतिया : सिकटा विधानसभा का इतिहास ही इस बार के चुनाव परिणाम ने बदल कर रख दिया. करीब दो दशक से इतिहास था कि इस विधानसभा से जो उम्मीदवार जीतता है उसकी पार्टी का सरकार राज्य में नहीं बनती थी. वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा में निर्दलीय दिलीप वर्मा चुनाव जीते थे. जबकि खुर्शेद आलम एनडीए गंठबंधन से चुनाव लड़ थे.
चंपारण के सात सीटों पर उसवक्त एनडीए गंठबंधन को सफलता मिली थी. उस हवा में भी सिकटा सीट पर सफलता नहीं मिली थी. वर्ष 2005 में इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट खुर्शेद आलम चुनाव जीत कर पहली बार विधायक बने थे. जबकि उस वक्त भी कांग्रेस की सरकार बिहार में नहीं बनी थी.
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