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दो दर्जन दुकानों में घुसा बारिश का पानी

बगहा/हरिनगर : सुबह के नौ बज रहे थे. आसमान में काले बादल छाये थे. ऐसा लग रहा था कि झमाझम बारिश होगी. फिर भी कामकाजी लोग अपने घरों में काम पर जाने की तैयारी कर रहे थे. इस बीच, बूंदाबांदी शुरू हो गये. फिर मूसलाधार बारिश होने लगी. सड़क पर पानी बह चला. करीब डेढ़ […]

बगहा/हरिनगर : सुबह के नौ बज रहे थे. आसमान में काले बादल छाये थे. ऐसा लग रहा था कि झमाझम बारिश होगी. फिर भी कामकाजी लोग अपने घरों में काम पर जाने की तैयारी कर रहे थे. इस बीच, बूंदाबांदी शुरू हो गये. फिर मूसलाधार बारिश होने लगी. सड़क पर पानी बह चला.
करीब डेढ़ घंटे के बाद बारिश थमी तो लोग अपने घरों से निकले. बेला गोला एवं रैली बाजार के व्यवसायी दुकान पर पहुंचे तो नजारा देख कर दंग रह गये. सड़क से बह कर पानी दुकानों में घुस रहा था. कई दुकानों में तो दो फीट के आसपास पानी बह रहा था. दुकानदारों ने दुकान के ताले खोले और अंदर घुस कर नजारा देखा तो रो पड़े. क्योंकि उनके दुकान में रखे हजारों के सामान पानी से सराबोर हो चुका था. किराना सामान, दवा , सब्जी आदि दुकानों में काफी क्षति हुई है.
दरअसल, यह स्थिति ओवर ब्रिज निर्माण कंपनी की लापरवाही की वजह से उत्पन्न हुई है. रैली बाजार के आदित्य फोटो विजन के मालिक राजकुमार ने बताया कि ओवर ब्रिज निर्माण के पहले अगर निर्माण कंपनी की ओर से वैकल्पिक नाला का निर्माण करा दिया गया होता तो इतनी क्षति नहीं होती. सत्तु बेच कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले ललन साह के घर और दुकान में बाढ की स्थिति है. हजारों रुपये का सत्तु बारिश की पानी की वजह से खराब हो गया.
बेला गोला के राणी सती मेडिकल स्टोर, संजय मेडिसीन, गजानंद किराना भंडार, सत्तू बाबू की किराना दुकान, भागीरथ बाबू की किराना दुकान, चाय की दुकान, सेलर मिल, होटल समेत अन्य दुकानों में बरसात का पानी घुसा है. इसी प्रकार बेला गोला के मीना मार्केट के कई दुकानों में पानी घुस गया है.
नहीं बनाया वैकल्पिक रास्ता
बेला गोला बाजार से रैली बाजार तक ओवर ब्रिज का निर्माण हो रहा है. निर्माण कार्य आरंभ करने से पूर्व निर्माण कंपनी ने न तो वैकल्पिक रास्ता बनाया है और नहीं पानी निकासी के लिए कोई नाली. ओवर ब्रिज के बगल में निर्माण कंपनी की ओर से सड़क का निर्माण एन केन प्रकारेण कर दिया गया है. लेकिन सड़क से बह कर पानी कहां जायेगा, इसके लिए नाली की व्यवस्था नहीं की गयी है. नतीजतन , पूरे सड़क का पानी दुकानों में घुस रहा है.
वैकल्पिक सड़क का निर्माण नहीं होने के कारण हरिनगर चीनी मिल के पेराई सीजन में कई लोगों की जान गयी. यह निर्माण कंपनी की लापरवाही का ही परिणाम था. ताज्जुब तो इस बात की है कि स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी निर्माण कंपनी की ओर से बरती जा रही अनियमितता को आंखे फाड़ कर देख रहे हैं. लेकिन वे भी चुप्पी साधे हुए हैं. निर्माण कंपनी ने सड़क बनाया है. पर, उस सड़क के बीच में पेड़ खड़ा है. आखिर, उस सड़क का इस्तेमाल कैसे होगा.
निकासी की व्यवस्था नहीं
रिटायर अभियंता के के सिन्हा ने बताया कि ओवर ब्रिज या किसी ब्रिज के निर्माण के पूर्व कंपनी को रास्ता अवरुद्ध करने से पूर्व वैकल्पिक रास्ता का निर्माण करने का प्रावधान है. इसके लिए प्राक्कलन में राशि भी आवंटित की जाती है. बावजूद इसके अगर कोई निर्माण कंपनी बगैर वैकल्पिक रास्ता बनाये और पानी की निकासी आदि की व्यवस्था किये अगर निर्माण कार्य आरंभ कर देती है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है.
हालांकि इसके लिए जरूरी है कि आम लोग जागरूक रहें. उनका कहना है कि जब निर्माण कंपनी ने आरओबी का काम आरंभ किया था. उसी वक्त दुकानदारों को इसका विरोध करना चाहिए था. पहले पानी निकासी की व्यवस्था होती , फिर पुल का निर्माण कार्य आरंभ होता.

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