बेतिया : जिले के स्वास्थ्य विभाग की ओर से गलत इरादे से दवा क्रय मद में कोषागार बेतिया से 13 लाख 53 हजार रुपये की फर्जी निकासी का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है.
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फर्जी निकासी में फंसे पूर्व सीएस व लेखा लिपिक
बेतिया : जिले के स्वास्थ्य विभाग की ओर से गलत इरादे से दवा क्रय मद में कोषागार बेतिया से 13 लाख 53 हजार रुपये की फर्जी निकासी का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है. इसकी जांच प्रतिवेदन प्रभारी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाॅ अवधेश कुमार सिंह ने सिविल सर्जन बेतिया को सौंप दिया है. […]
इसकी जांच प्रतिवेदन प्रभारी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाॅ अवधेश कुमार सिंह ने सिविल सर्जन बेतिया को सौंप दिया है. इसमें खुलासा किया गया है कि इस फर्जी निकासी मामले में पूर्व सीएस डाॅ गोपाल कृष्ण व लेखा लिपिक राजन कुमार संदेह के घेरे में हैं. कोषागार बेतिया के विपत्र संख्या-255/11-12 पर इनके हर जगह हस्ताक्षर और लघु हस्ताक्षर दर्ज हैं. यह ओमेगा बायोटेक लिमटेड से दवा क्रय से संबंधित है. प्रतिवेदन में साक्ष्य संलग्न करते हुए बताया गया है
कि पूर्व सीएस डाॅ गोपाल कृष्ण ने 19 मार्च 12 को कोषागार से तेरह लाख रुपये निकासी के लिए विपत्र पर हस्ताक्षर किया और इस पर लघु हस्ताक्षर लेखा लिपिक राजन कुमार के हैं. जांच पदाधिकारी ने लिखा है कि इस विपत्र को कोषागार में उपस्थापित कर पारित कराया लिया गया. जिस पर तत्कालीन सिविल सर्जन डाॅ गोपाल कृष्ण तथा लेखा लिपिक राजन कुमार के हस्ताक्षर हैं.
इसके संलग्नक 68-69 अंकित है. जबकि स्टॉक पंजी के संबंधित पृष्ठ पर उक्त दवा सेफेक्लर का इंट्री नहीं है. बल्कि आइएफए टेबलेट तथा आइवी सेट दर्ज है.
इसका प्रमाण भी संलग्न किया गया है. बताया गया है कि पूर्व जिला पदाधिकारी ने उक्त दवा क्रय पर रोक लगा दी थी. जांच पदाधिकारी ने लिखा है कि वर्तमान निलंबित लिपिक कुमार शंभूशरण सिंह पर विपत्र उपास्थापित कर फर्जी तरीके से पारित करवाने का कोई साक्ष्य नहीं है.
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