मोतिहारी : चुनाव जीतने के बाद नियोजित शिक्षकों की समस्याओं का निपटारा कराना व उन्हें सामान काम के लिए सामान वेतनमान दिलाना मेरी प्राथमिकता होगी और इस बाबत विधान मंडल में आवाज उठेगा. पूरा शिक्षा व्यवस्था नियोजित शिक्षकों के कंधे पर है और उन्हें बराबर वेतन नहीं मिलना गंभीर विषय है.
उक्त बातें बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एनडीए प्रत्याशी महाचंद्र प्रसाद सिंह ने बुधवार को एक निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में कही.कहा कि पर्व त्योहार जैसे मौका पर भी शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाता है जिससे वे कई तरह की समस्याओं से जूझते है.बिहार की सरकार को हर मोरचे पर विफल करार देते हुए कहा कि वित्तरहित शिक्षकों को कई वर्षों से अनुदान का नहीं मिलना व अनुमंडल से लेकर पंचायतों तक डिग्री काॅलेज खोलने की घोषणा पर अब तक अमल नहीं होना सरकार की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल है.उन्होंने युवाओं की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि जीतनराम माझी जब मुख्य मंत्री थे
तब उन्होंने बेरोजगारों के लिए बेरोजगारी भत्ता देने के लिए एक बेहतर कार्य योजना बनी थी और दो हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का प्लान बना था.लेकिन वर्तमान में उसमें छेड-छाड कर एक हजार रुपये दिया जा रहा है. इस अवसर पर प्रो. विनय वर्मा, रामाकांत भारती, अजय कुमार मिश्रा, प्रमोद शंकर सिंह, रत्नेश्वर उपाध्याय, राजा ठाकुर, वंशीधर प्रसाद आदि उपस्थित थे.