ढ़ाका पड़री मामला
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बदले की आग मौत बन पहुंची थी दिल्ली तक
ढ़ाका पड़री मामला 2011 से सुलग रही बदले की आग में हुई थी दो की मौत पंचायत चुनाव से शुरू हुआ था दो गुटों में विवाद मोतिहारी : ढाका थाना के पड़री गांव में दो गुटों के बीच वर्ष 2011 से वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, जिसमें दिल्ली तक हत्या की घटना को अंजाम […]
2011 से सुलग रही बदले की आग में हुई थी दो की मौत
पंचायत चुनाव से शुरू हुआ था दो गुटों में विवाद
मोतिहारी : ढाका थाना के पड़री गांव में दो गुटों के बीच वर्ष 2011 से वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, जिसमें दिल्ली तक हत्या की घटना को अंजाम दिया गया. उस वक्त दो लोगों की हत्या बदले की भावना में हुई और दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे. वर्तमान में भी 25 नवंबर 16 से गांव के दो गुटों में चार बार हुई झड़प वर्चस्व की लड़ाई को पंचायत चुनाव व गंवई राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है.
वर्तमान घटना को लेकर पुलिस कैंप कर रही है, लेकिन अंदर ही अंदर सुलग रही आग को बुझाने में पुलिस प्रशासन व प्रबुद्धजनों को काफी मशक्कत करना होगा. अन्यथा किसी बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता. पिछली जंग तीन माह तक चली थी ओर वर्तमान जंग भी कमोवेश उन्हीं लोगों(गुटों) के बीच है, जिसमें फायरिंग के बाद पथराव, मारपीट में करीब दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए है.
पूर्व की घटनाओं पर नजर डाले तो 2011 पंचायत चुनाव में पड़री के मुखिया प्रत्याशी हार गये थे और दूसरे गांव मुशमहवा के हैदर अली की पत्नी चुनाव जीत गयी थी. जहां पड़री के रेयाज खां की पत्नी(उस समय की मुखिया) सभी अहमद खां और अख्तर खां की पत्नी चुनाव हारी थी. सभी हार को ले एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ रहे थे. इसको ले गांव के दो गुटों में बंटा और मारपीट में 22 जून 2011 को आठ घायल हुए. घायल मोख्तार साह देवान की मौत 28 जून 11 को हुई थी. मृतक अख्तर खां हबी बुरहमान का समर्थक बताया गया था.
देवान के मौत की चिनगारी दिल्ली पहुंची और गांव के ही बजहुल खां के पुत्र शहीद खां की हत्या 18 जुलाई 2016 को कर दी गयी. घटना को ले मयूर बिहार पुलिस ने अंसार खां व अन्य को गिरफ्तार कर लिया था. शहीद दिल्ली में काम करता था, जिसके पिता रेयाज खां के समर्थक थे. मौत की खबर मिलते 19 जुलाई को दोनों गुट गांव में उलझ गये. चार लोग घायल हुए. फिर 14 अगस्त 16 को रोड़ेबाजी हुई थी, जिसमें छह लोग घायल हुए थे. इधर 25 दिसंबर, 27 और 28 दिसंबर के बाद एक जनवरी 17 की घटना भी गंवई राजनीति व वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम ही बताया जा रहा है. 28 दिसंबर की घटना में दर्जन भर लोगों के घायल होने के बाद भी किसी गुट द्वारा प्राथमिकी दर्ज न कराना कई सवाल खडे कर रहा है. पुलिस भी घटना के बाद मौन रही. एक जनवरी की घटना में मुखिया अख्तर मियां सहित 50 लोगों पर तीन प्राथमिकी दर्ज कर अब तक छह लोगों को जेल भेजा जा चुका है.
क्राइम फाइल पड़री का 2011
22 जून 2011- दो गुटों में झड़प, आठ घायल
28 जून 2011-घायल मोख्तार देवान की मौत
18 जुलाई 2011-प्रतिशोध में गांव के युवक शहीद की दिल्ली में हत्या
19 जुलाई 2011- मौत की खबर सुन गांव में उलझे थे दोनों गुट
14 अगस्त 2011-फिर हुई थी रोड़ेबाजी, पथराव, छह घायल
क्राइम फाइल पड़री का 2016-17
25 दिसंबर 2016- दोनों गुट में मारपीट
27 दिसंबर 2016-फिर उलझे दोनों गुट, चार घायल
28 जनवरी 2017- मुखिया समर्थक व विरोधी गुट में फायरिंग, पथराव 12 घायल, तीन प्राथमिकी
क्या कहते है अधिकारी
गांव में स्थिति शांत व नियंत्रण में है. पुलिस कैंप कर रही है. थाना स्तर से भी गश्त जारी है. प्राथमिकी अभियुक्तों के साथ साजिशकर्ताओं को भी चिन्हित किया जा रहा है.
बमबम चौधरी, डीएसपी, सिकरहना
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