इमामबाड़ा में मजलिस आयोजित
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इमाम हुसैन की शहादत से नसीहत लेने की है जरूरत
इमामबाड़ा में मजलिस आयोजित मातमी माहौल में लोगों ने किया हुसैन को याद मोतिहारी : पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत से नसीहत लेने की जरूरत है.जिस तरह से यजीदी फौजों ने इमाम हुसैन व उनके साथियों के साथ जुल्म किया और उन्हें शहीद किया उसे पूरी दूनिया हमेशा याद करती रहेगी. […]
मातमी माहौल में लोगों ने किया हुसैन को याद
मोतिहारी : पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत से नसीहत लेने की जरूरत है.जिस तरह से यजीदी फौजों ने इमाम हुसैन व उनके साथियों के साथ जुल्म किया और उन्हें शहीद किया उसे पूरी दूनिया हमेशा याद करती रहेगी. इमाम हुसैन ने शहीद होकर इनसानियत की लाज बचायी थी और साबित कर दिया कि हमेशा सच की जीत होती है.उक्त बातें शहर के इमामबाडा में आयोजित मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कही. उन्होंने कहा कि यजीद व उसका फौज जीत कर भी हार गया और उसका अब कोई नाम लेने वाला नहीं है. यजीद पर अल्लाह ने लानत भेजी
और वह-हमेशा-हमेशा के लिए मिट गया. मौलाना ने कहा कि करबला के मैदान में हुए दर्दनाक घटना ने पूरी मानवता को झकझोर कर रख दिया था और यह साबित कर दिया कि इस्लाम हमेशा भाइचारगी व इनसानियत की पैरवी करता है.मौके पर डा. असगर अली रिजवी, डा.शमशेर अली रिजवी, इजहार हुसैन, बब्लू, रेहान सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.इस अवसर पर लोगों ने इमाम हुसैन की याद में मरशिया पढ़े और मातम किया.
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