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संबंधों को आगे ले जाना चाहता है नेपाल

रक्सौल : आमलोगों को किस तरह की सीमा चाहिए, इसको बेहतर तरीके से सीमा पर रहने वाले लोग ही बता सकते हैं. इसको लेकर दो दिवसीय इंडो-नेपाल बॉर्डर सम्मिट का आयोजन किया गया है. यह बात वीरगंज महावाणिज्य दूतावास की महावाणिज्यदूत अंजू रंजन ने दो दिवसीय बॉर्डर सम्मिट के उद्घाटन के बाद अपने स्वागत भाषण […]

रक्सौल : आमलोगों को किस तरह की सीमा चाहिए, इसको बेहतर तरीके से सीमा पर रहने वाले लोग ही बता सकते हैं. इसको लेकर दो दिवसीय इंडो-नेपाल बॉर्डर सम्मिट का आयोजन किया गया है. यह बात वीरगंज महावाणिज्य दूतावास की महावाणिज्यदूत अंजू रंजन ने दो दिवसीय बॉर्डर सम्मिट के उद्घाटन के बाद अपने स्वागत भाषण के दौरान कही.
इसके पूर्व सम्मिट का उद्घाटन भारत सरकार की गृह-सचिव स्नेह लता कुमार, नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे, नेपाली कस्टम के डीजी दामोदर रेगमी व पटना के कस्टम आयुक्त किशोरी लाल सहित नेपाल के सरकार के पूर्व गृह-राज्य मंत्री रिजवान अंसारी ने दीप प्रज्वलित कर किया.
इसके बाद कार्यक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सीजी श्रीमती रंजन ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन वीरगंज में इसलिए किया गया है क्योंकि दो- तिहाई लोगों का नेपाल आना इस रास्ते से होता है. आप लोग सीमा पर रहते हैं और आप लोगों को किस तरह का बॉर्डर चाहिए, इसके लिए इस सम्मिट का आयोजन किया गया है, ताकि आपकी बातें दोनों देशों की सरकार तक पहुंच सके. उन्होंने कहा कि सम्मिट में नयी संभावनाओं को तलाशने का प्रयास किया जायेगा. साथ ही नये रास्ते खोजे जायेंगे और पूर्व के विवादों के निबटारे पर चर्चा होगी.
सम्मिट में विदेश मंत्रलय के संयुक्त सचिव अभय ठाकुर, लैंड पोर्ट आठोरेटी के चेयरमैन वाइ एस शेरावत, उद्योग निदेशक बिहार आर लक्ष्मण,ओमप्रकाश सरावगी, पूर्व डीएम कैलाश कुमार बजिमय, नेपाल सशस्त्र पुलिस के डीआइजी राम शरण पौडेल, एसएसबी के डीआइजी डी के सिन्हा, एसएसपी रमेश प्रसाद खरेल, मनोज न्योपाने, उद्योग वाणिज्य संघ के प्रदीप केडिया आदि मौजूद थे.
एक सोच होना जरूरी
सम्मिट को संबोधित करते हुए कस्टम आयुक्त किशोरी लाल ने कहा कि सीमा पर अकेले काम नहीं किया जा सकता है. जो भी एजेंसी सीमा पर काम कर रही है, सबके बीच आपसी तालमेल का होना जरूरी है. आपसी समन्वय को बढ़ाने के साथ-साथ व्यापार को बढ़ाने के लिए एक सोच होना चाहिए.
मैत्रीपूर्ण समाधान हो
सम्मिट को संबोधित करते हुए नेपाल के पूर्व गृह-राज्यमंत्री रिजवान अंसारी ने कहा कि भारत तरक्की करें, यह हमारी चाहत है. लेकिन इस बात का ध्यान रहे की नेपाल की जमीन का प्रयोग भारत के विरुद्ध न हो. नेपाल भारत के संबंध को आगे तक ले जाना है. खुली सीमा का प्रयोग देश हित में हो तो अच्छा है. समस्याओं का मैत्रीपूर्ण समाधान हो.
खुली सीमा का लें लाभ
भारत-नेपाल का पहाड़ी क्षेत्र हो या मैदानी क्षेत्र लोग आपस में जुड़े हुए हैं. सम्मिट को संबोधित करते हुए नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे ने कहा कि बॉर्डर खुला होने के कारण विकास हुआ है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार की प्राथमिकता पड़ोसी के साथ संबंधों का विकास हो, इसके लिए नेपाल में हाइड्रो पॉवर, ऑयल पाइपलाइन के साथ कई प्रोजेक्ट चलाये जा रहे हैं. इसके साथ विदेश मंत्रलय ने एक ऐसा विभाग बनाया है जिससे की सीमा की जो समस्या राज्य स्तर पर समाप्त हो सकती है उसे राज्य सरकार के सहयोग से कराया जाये, उसकेलिए दिल्ली जाने की जरूरत न हो.
छह सत्र में है कार्यक्रम
बॉर्डर सम्मिट कार्यक्रम दो दिनों तक चलेगा. इसमें पहले दिन बॉर्डर हॉरमोनी, सुरक्षा व लोगों का आवागमन, क्रॉस बॉर्डर ट्रेड पर चर्चा हुयी. जबकि शुक्रवार को क्रॉस बार्डर टूरिज्म व बैरियर व सोल्यूशन पर चर्चा की जायेगी.

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