बक्सर : दानापुर मुगलसराय रेलमार्ग पर गहमर के समीप रविवार की सुबह करीब साढ़े तीन बजे नयी दिल्ली से राजेंद्रनगर जानेवाली राजधानी एक्सप्रेस में लूटपाट की घटना हुई. असलहों से लैस अपराधियों ने करीब आधा घाटा तक लूट का तांडव मचाया. इस दौरान बोगियों में यात्रा कर रहे यात्री डरे-सहमे रहे. डकैतों ने ट्रेन की तीन बोगियों में यात्रियों का सामान खासकर महिलाओं का पर्स आदि लूट लिये. इस दौरान ट्रेन के स्कॉर्ट पार्टी, टीटीइ व एसी कोच अटेंडेंट गायब रहे.
यात्रियों का कहना था कि कोच अटेंडेंट की मिलीभगत से ही अपराधियों ने घटना को अंजाम है. ट्रेन के पटना पहुंचने के बाद यात्रियों ने स्टेशन पर जमकर बवाल मचाया. एक महिला यात्री मनीषा अग्रवाल के बयान पर केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की गयी. दानापुर कमांडेंट ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ट्रेन की सुरक्षा में तैनात स्कॉर्ट पार्टी के छह जवानों व एक एएसआइ को सस्पेंड कर दिया.
हालांकि मामले को रेलमंत्री ने डकैती, डीआरएम के पीआरओ ने चोरी करार दिया. वहीं, जांच के बाद बक्सर जीआरपी इंचार्ज के बयान ने विरोधाभास पैदा कर दिया है. जांच के बाद अधिकारी ने घटना से ही इनकार कर दिया है.
लूट की सूचना मिलते ही अधिकारियों के पैरों तले खिसकी जमीन : राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के कोच संख्या ए-4, बी -7, व बी 8 में लूट की वारदात होने की सूचना मिलते ही स्थानीय अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गयी. आनन-फानन में जीआरपी व आरपीएफ के अधिकारी घटनास्थल पर रवाना हुये. जीआरपी व आरपीएफ के अधिकारियों ने एफआइआर में उल्लिखित घटनास्थल का करीब एक घंटे तक मुआयना किया. आसपास के खेतों में भी तलाशी की. मामले की जांच को पहुंचे बक्सर जीआरपी इंचार्ज अली अकबर खा ने कहा कि ट्रेन में छिनैती या डकैती की कोई घटना गहमर के पास नही हुई है.
पीआरओ ने कहा, चोरी की घटना : राजधानी ट्रेन में यात्रा कर रही मनीषा अग्रवाल नामक एक महिला ने जीआरपी पटना में एक आवेदन देकर ट्रेन में छिनैती की घटना की प्राथमिकी दर्ज करायी है. इधर, दानापुर के डीआरएम के पीआरओ रंजीत सिंह ने कहा कि उक्त ट्रेन में चोरी की वारदात हुई है. जीआरपी ने उत्तरप्रदेश में घटनास्थल होने के कारण केस को रेल पुलिस अधीक्षक कार्यालय इलाहाबाद को सौंप दिया है.
रेलमंत्री ने ट्वीट कर कहा, डकैती का करें परदाफाश :
पूरे मामले में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने ट्विटर के माध्यम से डकैती की घटना की निंदा करते हुए दो ट्वीट किये. पहले ट्वीट में उन्होंने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को निर्देशित करते हुए कहा कि बिहार के चीफ सक्रेटरी के साथ मिल कर ट्रेन में यात्रियों से हुई डकैती पर कार्रवाई करें. इसके बाद दूसरे ट्वीट में रेलमंत्री ने रेलवे के आरपीएफ डीजी को राज्य सरकार के पुलिस डीजी के साथ मिल कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये.
दिलदारनगर आरपीएफ मामले को ही बता रहा झूठा :
नयी दिल्ली से राजेंद्रनगर जानेवाली राजधानी एक्सप्रेस में यात्रियों के साथ रविवार की अहले सुबह हुई लूटपाट की घटना को दिलदारनगर आरपीएफ प्रभारी श्यामबिहारी दुबे व जीआरपी प्रभारी अतुल पांडेय भी झूठ बता रहे हैं. उनका कहना है कि घटना गहमर स्टेशन के होम सिग्नल के पास नहीं हुई है. उनका कहना है कि घटना को बदमाशों ने मुगलसराय स्टेशन के बाद या पहले कहीं और अंजाम दिया है. सिग्नल खराबी के कारण ट्रेन गहमर स्टेशन के आउटर पर आधा घंटा खड़ी थी, लेकिन इसके बाद पोर्टर धनंजय व आरपीएफ के एसएन सिंह ने ट्रेन के ड्राइवर को मेमो ले जाकर दिया था. लेकिन, इस दौरान ट्रेन की सभी बोगियां बंद थीं.
लूटपाट के दौरान मोबाइल क्यों छोड़ गये लुटेरे : राजधानी एक्सप्रेस में हुई लूटपाट की घटना ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिये हैं. लुटेरे जहां नगदी और पर्स की लूट की. वहीं किसी भी यात्रियों का मोबाइल नहीं लिया है. जो पुलिस के लिए भी अबूझ पहेली बनी हुई है. कहीं भी एफआइआर में मोबाइल चोरी का जिक्र नहीं किया गया है. शायद यही कारण है कि पुलिस इसे लूट की घटना नहीं मान रही है.
प्रभु की रेल में सुरक्षा भगवान भरोसे : दानापुर-मुगलसराय रेलमार्ग पर प्रभु की रेल में यात्रा भगवान भरोसे है. यह इलाका अपराधियों के लिए सेफ जोन बन गया है. ट्रेनों में विस्फोट, लूटपाट तथा छिनैती की घटनाएं इस इलाके में आम हो गयी हैं. रेलवे के लाख प्रयास के बावजूद आपराधिक वारदातें थमने का नाम नहीं ले रहे है. जिसके चलते यात्रियों का रेलवे की सुरक्षा से भरोसा उठता जा रहा रहा है. पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों में आए दिन यात्रियों के सामान गायब होने की घटनाएं होती है. इसके पूर्व में भी इस इलाके में चोरी व डकैती की घटनाएं होती रही हैं. राजधानी जैसी वीआइपी ट्रेन को पहली बार निशाना बनाया गया है.
बंदूक की नोक पर होती रही हैं घटनाएं : बीते नवंबर 2010 में भी भदौरा व गहमर स्टेशन के बीच अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस में लुटेरों ने यात्रियों को निशाना बनाया था. इस दौरान ट्रेन के स्कॉर्ट में तैनात आरपीएफ जवानों द्वारा लुटेरों को पकड़ने की कोशिश की गयी थी.
लेकिन, लुटेरे फायर करते हुए भाग निकले थे. वर्ष 2008 से अब तक अनन्या एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, पुणे-पटना सहित कई ट्रेनों में लुटेरों ने लूट की घटना को अंजाम दिया है. जिनमे कई मामलों का उद्भेदन भी नहीं हो सका है.