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पैसे के अभाव में बाजार पड़े सुस्त

नोटबंदी . बैंकों में नये नोटों की किल्लत से बढ़ते जा रही लोगों की परेशानी नोट बंदी का असर अब शहर के बाजारों में भी दिखने लगा है. बाजारों में सन्नाटा है. शादी-विवाह के मुहूर्त होने के बावजूद ग्राहक भी बाजार से दूर हैं. जहां एक ओर सर्राफा बाजार पूरी तरह ठप पड़ा है. वहीं, […]

नोटबंदी . बैंकों में नये नोटों की किल्लत से बढ़ते जा रही लोगों की परेशानी

नोट बंदी का असर अब शहर के बाजारों में भी दिखने लगा है. बाजारों में सन्नाटा है. शादी-विवाह के मुहूर्त होने के बावजूद ग्राहक भी बाजार से दूर हैं. जहां एक ओर सर्राफा बाजार पूरी तरह ठप पड़ा है. वहीं, होलसेल मार्केट में कोई काम नहीं चल रहा है. छोटे व्यवसायियों का रोना है कि उन्हें माल नहीं मिल पा रहा है और बड़े व्यवसायी रो रहे हैं कि उनका माल जहां के तहां फंसे हुआ है.
बक्सर : नोट बंदी के बाद बाजार में मंदी की स्थिति आ गयी है. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां एक ओर नये नोट नहीं होने के कारण शहर की अधिकतर एटीएम का शटर गिरा हुआ है. वहीं, ग्राहकों के नहीं के बराबर आने के कारण कई दुकानों के शटर गिरे हुए हैं. व्यस्त बाजारों की अधिकतर दुकानें या तो बंद हैं या दुकान के आधा शटर ही उठे हैं
और दुकानदार दुकान छोड़ कर दूसरे जगह जाकर समय बीता रहे हैं. बाजार का यह हाल है कि अधिकांश दुकानों में डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की सुविधा नहीं है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बैंकों अन्य लोगों की सलाह पर लोग दुकानों पर डेबिट कार्ड लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन दुकानदारों द्वारा हाथ खड़ा कर दिया जा रहा है.
इससे सबसे अधिक परेशानी उनको है, जिनके घरों में शादी है. उन्हें सामान नहीं मिल पर रहा है. लोगों का कहना है कि कई दुकानदार चेक भी नहीं ले रहे हैं. बता दें कि लोगों के द्वारा अब तक छह दिनों में छह अरब रुपये जमा किये गये हैं. वहीं, नोट बंदी के कारण लगभग 350 करोड़ रुपये का कारोबार बक्सर जिले में बाधित हुआ है.
नये नोटों के अभाव में जिले में करीब 350 करोड़ का कारोबार बाधित हुआ है. इसमें सर्राफा, किराना, कपड़ा, रेडिमेड, स्टेशनरी, शृंगार समेत अन्य के मार्केट उदास पड़े हैं. सबसे अधिक सर्राफा की दुकानें बंद दिख रही हैं. फिलवक्त लग्न चल रहा है. इसमें लोग जब आभूषण खरीदने दुकान पर पहुंच रहे हैं, तो दुकानदार पुराने नोट लेने से सीधे इनकार कर दे रहे हैं.
छोटे दुकानदार व व्यवसायी ग्राहकों से नहीं ले रहे चेक
पैसा के लिए बैंक के बाहर लगी ग्राहकों की भीड़.
गल्ला बाजार सब्जी मंडी में भी असर
छोटे नोटों की किल्लत का असर गल्ला बाजार सब्जी मंडी पर भी है. मंदी के कारण कीमतों में गिरावट भी आयी है. रोजाना उपयोग की चीजों की कीमतों में आयी कमी के कारण अंडा, मछली, हरी सब्जियां सस्ती हो गयी हैं. दलहन तेलहन प्रोडक्ट की कीमतों में पांच से 10 रुपये की कमी दर्ज की गयी है. छोटे नोटों की कमी का असर ट्रांसपोर्ट व्यापार पर भी पड़ा है. होलसेलरों का माल रास्ते में फंसने या फैक्टरी से बाजार तक नहीं पाने के कारण एक-दो सप्ताह में बाजार में अनाज का संकट हो सकता है.
मोबाइल व की भी बिक्री घटी
ज्योति प्रकाश चौक पर मोबाइल पार्ट्स के विक्रेता संजय सिंह ने बताया कि सन्नाटा पसरा है. फुटकर विक्रेताओं का आना बंद हो गया है. कई छोटे दुकानदारों के यहां लाखों रुपये बकाया है. वह बड़े नोट का रोना रोकर नहीं आने की वजह बता रहे हैं. बिजली उपकरण बेचेवाले नंद कुमार सिंह ने बताया कि अभी जो बाजार की स्थिति है, वह ऑफ सीजन में भी नहीं होती थी.
सब्जी फलों का बाजार भी हुआ मंदा
जहां एक ओर बाजार से छोटे नोट गायब हो गये हैं. वहीं, सब्जी बाजार में भी उदासी है. खुदरा दुकानदारों व व्यापारियों का कहना है कि मंडी में पर्याप्त मात्रा में सब्जी नहीं आ पा रही, जिससे परेशानी है. इसके अलावा हरी सब्जियों व फलों की डिमांड भी गिरने लगी है. जहां रात नौ बजे तक शहर के सब्जी बाजर गुलजार रहता था वह फिलहाल सात से आठ बजे तक भीड़ से खाली-खाली रहने लगा है. विक्रेताओं और दुकानदारों का कहना है कि अभी बाजार में 500 के नये नोट नहीं दौड़ रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है.

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