बक्सर : सुशासन की सरकार में निर्दोष को जेल भेजा जा रहा है और हत्या करने वालों को सरकार की शिथिलता के कारण बेल मिल जा रही है. राज्य में चारों तरफ अराजकता का माहौल है. अपराधी बेखौफ हो घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन सुशासन सरकार के मुखिया नीतीश कुमार देश में घूम-घूम कर शराब बंदी का ढिंढोरा पीट रहे हैं. उक्त बातें सोमवार को स्थानीय परिसदन में प्रेसवार्ता के दौरान स्थानीय सांसद अश्विनी चौबे ने कही.
उन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सुशासन का ढिंढोरा पीटना बंद करें और जनता के लिए अपराध मुक्त समाज बनाएं. वहीं कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के सोवां गांव में गत दिनों नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में बोलते हुए कहा कि आरोपित पर स्पीडी ट्रायल चलाकर कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाय. साथ ही जिला प्रशासन पर घटना के बाद भी पीड़ित बच्ची का हालचाल नहीं लेना संवेदनहीनता का परिचायक है. साथ ही कहा कि सदर अस्पताल में बच्ची की मेडिकल जांच के बाद बुरी तरह जख्मी बच्ची का इलाज करने के बजाय उसके परिवार वालों को घर ले जाने को कहा गया.
जख्मी बच्ची अभी भी सदमे में है और जख्म से परेशान है. चिकित्सकों पर भी सांसद ने बच्ची के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. चिकित्सकों के संवेदनहीनता की वजह से मानवता शर्मसार हुआ है. सिविल सर्जन को बच्ची के अस्पताल आने तक ही जानकारी नहीं है. वहीं पुलिस द्वारा अपराधी को पकड़ने की बजाय बार-बार ग्रामीण जनता को जेल में डालने की धमकी देकर प्रताड़ित किया जा रहा है. प्रशासन की यह कार्यप्रणाली बिहार में अपराधियों की बोलबाला का परिचय देता है.
प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में कौमी एकता बरकरार है एवं गांव में शांति व्यवस्था कायम है किंतु पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को जेल में डालने की धमकी एवं दर्जनों बुजुर्गों पर 107 की प्रक्रिया चालू कर पुलिस ग्रामीणों के बीच स्वयं ही आतंक एवं अशांति फैला रही है. उन्होंने कहा कि निर्दोष ग्रामीणों को जेल में डालने एवं अपराधी को नहीं पकड़ना निर्दोष को जेल एवं मर्डरर को बेल की प्रवृत्ति को चरितार्थ करता है.