परेशानी. दाह संस्कार के लिए भी घंटों करना पड़ रहा है इंतजार, बक्सर शहरी इलाके में करीब 400 घर पानी से घिरे
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बाढ़ का कहर जारी, डूबने से युवक की मौत
परेशानी. दाह संस्कार के लिए भी घंटों करना पड़ रहा है इंतजार, बक्सर शहरी इलाके में करीब 400 घर पानी से घिरे बंद हुए कई स्कूल, कई मुहल्लों में घुसा बाढ़ का पानी जिले में बाढ़ का कहर जारी है. गंगा के रौद्र रूप से क्या इनसान? क्या पशु सभी अपनी जान बचाने में लगे […]
बंद हुए कई स्कूल, कई मुहल्लों में घुसा बाढ़ का पानी
जिले में बाढ़ का कहर जारी है. गंगा के रौद्र रूप से क्या इनसान? क्या पशु सभी अपनी जान बचाने में लगे हैं. गंगा के कहर से डरे सहमे लोग या ताे ग्रस्त इलाकों से पलायन कर रहे हैं या फिर सरकारी मदद की बाट जोह रहे हैं. मंगलवार को करहंसी में गंगा के पानी में एक युवक की डूबने से मौत हो गयी. युवक की पहचान कर ली गयी है.
बक्सर : गा का रौद्र रूप थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को भी गंगा के जल स्तर में 0.5 सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है. सुबह आठ बजे तक गंगा का जल स्तर 61.22 मीटर था, दोपहर 12 बजे 61.23 मीटर तक पहुंच गया. शाम 3 बजे तक 61.24 मीटर तक पहुंच गया. आंकड़ों के अनुसार जल स्तर में वृद्धि की रफ्तार थोड़ी कम हुई है. प्रशासन गंगा के जल स्तर में 2 से 3 दिनों के अंदर स्थिरता आने की संभावना जता रहा है.
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल विभाग के अनुसार देर रात से जल स्तर में वृद्धि स्थिर होने की संभावना है. बारिश और तेज हवाओं ने गंगा को और भी भयावह बना दिया है. मंगलवार को करहंसी में गंगा की लहरों में डूबने से एक युवक की मौत हो गयी. स्थानीय लोगों की सहायता से शव को किसी तरह बाहर निकाल लिया गया.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोपहर 1 बजे मिल्कियां पुल के पास युवक नहा रहा था. नहाने के क्रम में पुल के पास बन रहे भंवर में वह फंस गया और डूब गया. आनन-फानन में युवक को सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मृतक की पहचान स्थानीय पांडेय पट्टी के विनोद कुमार (28 वर्षीय) के रूप में की गयी. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया. डीएम रमण कुमार ने कहा कि परिजनों को आपदा राहत कोष के तहत चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा. डीएम ने लोगों से अपील की कि बाढ़ के पानी में गहरे स्थानों में न जायें.
कोईरपुरवा के 400 घरों तक पहुंची गंगा : शहर के कोईरपुरवा इलाकों में लगभग 400 घरों के द्वार तक गंगा ने दस्तक दे डाली है. इलाके की सड़कें पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी हैं. गंगा के जल स्तर में वृद्धि जारी रही, तो गंगा लोगों के घरों में प्रवेश कर जायेगी. लोगों का कहना है कि रात में डर के कारण नींद नहीं आती कि कहीं पानी का स्तर बढ़ तो नहीं रहा है. लोगों ने कहा कि गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए 15-20 दिनों का राशन खरीद कर घर में रख लिया है.
अंतिम संस्कार के लिए करना पड़ रहा इंतजार : जहां एक ओर बाढ़ से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है. वहीं, मरने के बाद भी लोगों को सुकून नहीं मिल पा रहा है. बाढ़ के प्रकोप से मरने वाले भी अछूते नहीं हैं. सूत्रों के अनुसार बक्सर स्थित चरित्रवन में रोजना 100 से भी अधिक शवों का दाह संस्कार किया जाता था. लेकिन, बाढ़ के कारण अब यह संख्या आधी हो गयी है. पहले गंगा घाटों पर शवों का दाह संस्कार किया जाता था.
लेकिन, अब दाह संस्कार के लिए बने चबूतरे ही सहारा है. शवों के दाह संस्कार के लिए घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ के कारण बाढ़ग्रस्त अन्य प्रखंडों के लोग चरित्रवन नहीं आ पा रहे हैं. जहां जिसको सुखी जमीन मिली वहीं लाश जला दी. लोग सड़कों किनारे शव जला रहे हैं. बताया गया है कि लोग अधजली लाश को गंगा में प्रवाहित कर देते हैं. इससे बाढ़ के बाद महामारी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. सबसे ज्यादा प्रभावित गंगा दियारा का इलाका है.
बाढ़ग्रस्त इलाकों में बांटे गये पैकेट : जिला प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे पीड़ित लोगों के बीच फूड पैकेट बांटने का काम में तेजी लायी है. मंगलवार को स्थानीय नगर भवन में राहत पैकेट को बोरे में डाल कर ट्रकों के माध्यम से बाढ़ग्रस्त इलाकों में भेजा जा रहा है. डीएम रमण कुमार ने बताया कि ब्रह्मपुर एवं चक्की के बाढ़ग्रस्त इलाकों में लगभग 1300 पैकेट बांटने के लिए भेजे जा चुके हैं.
ब्रह्मपुर में 1000, चक्की में 300 एवं सिमरी प्रखंड के पीड़ित लोगों के लिए 1300 फूड पैकेट भेजे गये. इसके अलावा पशुओं के चारे की भी व्यवस्था की गयी है. राज्य सरकार के निर्देश पर पशुओं के लिए भी राहत शिविरों की अलग व्यवस्था की जा रही है. बाढ़ में फंसे बच्चों को दूध पहुंचाने के लिए प्रशासन ने दूध का पाउडर के वितरण के लिए राहत पैकेट में ही व्यवस्था की है. इसके अलावा पानी के लिए बिहार कॉमफेड से सहायता मांगी गयी है. बुधवार से लोगों को शिविरों में पीने का पानी उपलब्ध हो जायेगा.
मौसम ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें : मौसम के बदलने से बाढ़ग्रस्त इलाकों में पीड़ित लोगों की मुश्किलों को और बढ़ गयी हैं. आंकड़ों के अनुसार बाढ़ ने पिछले चार दशक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बाढ़पीड़ितों के लिए प्रशासन द्वारा दी जानेवाली सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं.
पानी के तेज बहाव एवं तेज हवाओं के कारण इलाके में कटाव शुरू होने लगा है.रविवार की देर रात से शुरू हुई बारिश मंगलवार को भी जारी रही. खराब मौसम के कारण राहत कार्य में भी प्रशासन को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
कोईरपूरवा में बाढ़ के पानी से िघरे घर व चरित्रवन में बाढ़ के पानी के बीच शवों को जलाते लोग.
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