बड़े दुकानों के बजाये छोटे दुकानों में लोगों की जुटी भीड़
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ईद के बाजार पर पड़ी महंगाई की मार
बड़े दुकानों के बजाये छोटे दुकानों में लोगों की जुटी भीड़ बक्सर : ईद पर्व को लेकर शहर के सभी कपड़ा व्यवसायियों ने अधिक माल मंगा लिया था, लेकिन महंगाई की मार ऐसी पड़ी कि लोगों ने बड़ी दुकानों को छोड़ छोटी दुकानों की ओर रूख कर दिया. बड़ी बाजार स्थित एक दुकानदार संजय ने […]
बक्सर : ईद पर्व को लेकर शहर के सभी कपड़ा व्यवसायियों ने अधिक माल मंगा लिया था, लेकिन महंगाई की मार ऐसी पड़ी कि लोगों ने बड़ी दुकानों को छोड़ छोटी दुकानों की ओर रूख कर दिया. बड़ी बाजार स्थित एक दुकानदार संजय ने बताया कि ईद को लेकर उन्होंने आठ लाख रुपये के कपड़े मंगाये, लेकिन रमजान के पूरे महीने ने मात्र दो लाख के ही कपड़े बिक सके. बाजार विशेषज्ञों के अनुसार ईद को लेकर कपड़ों की खरीदारी फिकी रही.
शहर में कपड़ों के कुल 1500 छोटी-बड़ी दुकानें हैं. इस वर्ष ईद में लगभग 2.5 करोड़ रुपये का कपड़ों का व्यवसाय हुआ है. इसी तरह सेवइयों के बाजार में भी चहल-पहल कम रही. सेवई व्यवसायी मुख्तार अहमद ने बताया कि पूरे माह में मात्र 12 हजार की सेवइयां बिकीं हैं. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि लगभग 15 लाख की सेवइयां बिकी हैं. ईद को लेकर दुध व चीनी की भी मांग रहती है. इसके लिए व्यवसायियों ने तैयारी कर ली है. लगभग 20 लाख रुपये की चीनी व 22 लाख के दूध बिकने की संभावना है.
उर्दू शिक्षकों की फीकी रही ईद
बक्सर. इस वर्ष ईद में उर्दू शिक्षकों की ईद फीकी रही. नियोजित उर्दू शिक्षकों का वेतन अब तक नहीं मिल सका है, जिससे शिक्षकों में काफी रोष है. शिक्षकों का कहना है कि राज्य सरकार ईद जैसे महापर्व में भी शिक्षकों की स्थिति पर ध्यान नहीं दी.
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक शिक्षक ने कहा कि ईद में हम बड़े लोग अपने मन को समझा सकते हैं, लेकिन विभाग की उदासीनता से बच्चों की ख्वाहिशों को कैसे पूरा करें.
बाजार एक नजर
व्यवसायकारोबार
कपड़ा 2.5 करोड़ रुपये
सेवइयां15 लाख रुपये
चिनी20 लाख रुपये
दुध22 लाख रुपये
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