उपेक्षा. मिनी काशी का सपना रह गया अधूरा, निर्माण कार्य नहीं हो सका पूरा
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कुव्यवस्था से मेरिन ड्राइव हुआ बेकार
उपेक्षा. मिनी काशी का सपना रह गया अधूरा, निर्माण कार्य नहीं हो सका पूरा शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का लग जाता है जमावड़ा गंदगी और मल-मूत्र के कारण घूमना पसंद नहीं करते बक्सरवासी व पर्यटक बक्सर : बक्सर जिले की खूबसूरती में चार चांद लगाने का सपना जिला प्रशासन का धरा ही रह गया. […]
शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का लग जाता है जमावड़ा
गंदगी और मल-मूत्र के कारण घूमना पसंद नहीं करते बक्सरवासी व पर्यटक
बक्सर : बक्सर जिले की खूबसूरती में चार चांद लगाने का सपना जिला प्रशासन का धरा ही रह गया. रामरेखा घाट समेत कई घाटों को दर्शनीय स्थल बनाने की कवायद धरी की धरी रह गयी. गंगा के किनारे मेरिन ड्राइव बनाने का सपना देखा गया था, मगर आधे-अधूरे काम, गंदगी का अंबार व असामाजिक तत्वों का जमावड़ा ने मेरिन ड्राइव के सपने को साकार नहीं होने दिया.
काशी विश्वनाथ का दर्शन और दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान की पवित्रता और गंगा आरती को विश्व प्रसिद्धि जिस तरह मिली है, उसी तरह मिनी काशी के रूप में बक्सर में रामरेखा घाट की महत्तम तथा रामेश्वरम मंदिर
को विश्व प्रसिद्ध बनाने की कवायद में मेरिन ड्राइव बनाने का सपना साकार करने की कोशिश की गयी थी, जो प्रशासनिक विफलता के कारण पूरी नहीं हो सकी.
आधा-अधूरा रह गया मेरिन ड्राइव : गंगा के किनारे सुबह-शाम बक्सरवासियों व पर्यटकों के भ्रमण के लिए मेरिन ड्राइव की योजना वर्ष 2010 में बनायी गयी थी, परंतु मेरिन ड्राइव का निर्माण आधा अधूरा ही रह गया तथा गंगा घाटों से उसका जुड़ाव नहीं हो सका. नतीजा मेरिन ड्राइव पर लोगों के घूमने और गुजरने का सपना पूरा नहीं हो पाया. हालांकि इसका लाभ आसपास रहनेवाले असामाजिक तत्व उठा रहे हैं. आम लोग मेरिन ड्राइव से विचरण करने से कतराने लगे हैं.
आलम यह है कि मेरिन ड्राइव पर लोगों का शौच करना अथवा लघु शंका करना आम बात हो गयी है. मेरिन ड्राइव की साफ-सफाई भी नियमित रूप से नहीं की जाती और न ही इस पर कोई लाइट की व्यवस्था की गयी है, ताकि लोगों को इस पर भ्रमण करने में असुविधा न हो.
मेरिन ड्राइव का अस्तित्व भी खतरे में : निर्माण में हुई गड़बड़ियों के कारण मेरिन ड्राइव का हिस्सा कई जगहों पर धंस गया है. साथ ही मेरिन ड्राइव के निचले हिस्से में आधार मजबूत न होने से मेरिन ड्राइव के ध्वस्त होने की आशंका बनी हुई है. इस संबंध में राशि के अभाव में इस पर किये जानेवाले विकास के अन्य कार्य भी नहीं हो सके हैं. इससे मेरिन ड्राइव का अस्तित्व ही खतरे में नजर आता है. धार्मिक आयोजनों के दिन मेरिन ड्राइव की साफ-सफाई करा दी जाती है और बाकी दिनों में स्थानीय लोग उसे गंदा करते रहते हैं, नतीजा उस पर घूमना-फिरना मुश्किल हो गया है. देखभाल नहीं होने से मेरिन ड्राइव पर सूअर भी विचरण करते नजर आ जाते हैं.
कहते हैं अधिकारी
मेरिन ड्राइव के लिए अलग से योजना बनाने का काम किया जायेगा. इस संबंध में नगर पर्षद ने एक योजना भी बनायी है. बोर्ड से योजना पास होने के बाद उस दिशा में कार्रवाई हो सकेगी. यह बड़ी योजना का काम है और इस बहुआयामी योजना के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई बाधा नहीं होगी.
गौतम कुमार, एसडीओ, बक्सर
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