दोपहर में हो रही है आंगनबाड़ी केंद्रों की छुट्टी, बच्चे परेशान
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बहुत धूप है. परिजन केंद्र पर बच्चे को भेजने से करने लगे हैं परहेज
दोपहर में हो रही है आंगनबाड़ी केंद्रों की छुट्टी, बच्चे परेशान कोर्ट व स्कूलों का समय बदला, पर नौ से एक चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र पारा चढ़ा, तपती धूप में आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे पहुंचते हैं घर डुमरांव : कोर्ट-कचहरी व स्कूलों का समय बदला, लेकिन नन्हें-मुन्हें बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्र का समय नहीं बदला़ […]
कोर्ट व स्कूलों का समय बदला, पर नौ से एक चल रहा आंगनबाड़ी केंद्र
पारा चढ़ा, तपती धूप में आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे पहुंचते हैं घर
डुमरांव : कोर्ट-कचहरी व स्कूलों का समय बदला, लेकिन नन्हें-मुन्हें बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्र का समय नहीं बदला़ कोर्ट व स्कूल का समय सुबह 6:30 व 7:00 बजे से हो गया है. वहीं, दूसरी तरफ अनुमंडल क्षेत्र के ब्रह्मपुर, चक्की, सिमरी, नावानगर, चौगाई-केसठ सहित डुमरांव प्रखंड क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों का समय नहीं बदला है. अगर बदला भी है, तो सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक. केंद्र पर बच्चों के परिजन इस तपती धूप और मौसम की बेरूखी से चिंतित होकर केंद्र पर बच्चों को भेजने से अब परहेज करने लगे है़ं अधिक कहने-सुनने पर 11 बजे के बाद अपने बच्चें को लेने पहुंच जाते है़ं
जहां लोग दिन चढ़ने के साथ घरों से निकलने में परहेज करने के लगे हैं, वहीं, केंद्र से बच्चों की छुट्टी दोपहर में होने से बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ सा लग रहा है. ऐसे भी अस्पताल में मौसमी बीमारी के मरीज अनुमंडल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे है़ं इस बाबत सेविका व सहायिकाएं कहती हैं कि परिजन बच्चों को सुबह में भेज जरूरी देते हैं, लेकिन जैसे ही दिन चढ़ने लगता है, वे अपने बच्चों को लेकर जाने लगते हैं.
क्या कहते हैं बच्चों के परिजन
बच्चों के परिजन गोपाल जी, राम प्रसाद, धुनिया देवी, मुनी देवी, हरि प्रसाद कहते हैं कि बिहार सरकार व जिला प्रशासन नन्हें-मुन्हें बच्चों के साथ भेदभाव अपना रही है़ बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान न देकर नौनिहालों के साथ क्रूर मजाक किया जा रहा है.
क्या कहतीं हैं सेविका आंगनबाड़ी सेविका गायत्री, गीता, रीता, आशा, देवंती कहतीं हैं कि मौसम पारा चढ़ने से बच्चों की उपस्थित लगातार कम हो रही है़ बच्चों के परिजन बोलने पर कहते हैं कि मैडम आप ड्यूटी कीजिए, बच्चे का तबीयत बिगड़ने पर कोई पूछने तक नहीं आयेगा़ जैसे ही पारा धीरे-धीरे चढ़ने लगता है, वैसे ही परिजन बच्चों को लेने पहुंच जाते है़ं
क्या कहतीं हैं पर्यवेक्षिका
इस बाबत महिला पर्यवेक्षिका प्रतिभा यादव, योगिता सिंह और श्वेता राय ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा विशेष परिस्थित मेंं समय का बदलाव होता है़ अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं आया है़
महिषासुर वध व शिव तांडव नृत्य देखकर भावविभोर हुए दर्शक
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