ब्रह्मपुर : प्रखंड के निमेज बउरहवा बाबा के बगीचे चल रहे श्रीमद्भागवत ज्ञान सप्ताह यज्ञ के तीसरे दिन की कथा में जगदगुरु स्वामी राजनारायणाचार्य ने भक्त एवं भगवान के पारस्परिक संबंध की विस्तृत कथा सुनाई. साथ ही गुरु-शिष्य संबंध की भी व्याख्या के साथ-साथ माता-पिता एवं गुरु तीनों की महत्ता पर प्रकाश डाला़ स्वामी जी ने माता-पिता को गुरु से भी ऊंचा स्थान देते हुए कहा कि व्यक्ति के सर्व प्रथम गुरु उनके माता-पिता ही होते हैं.
अत: माता-पिता को दुख हो ऐसा काम कभी भी इनसान को नहीं करने चाहिए, जो व्यक्ति भूल वश भी ऐसा करता है, उसके सारे पुण्य नष्ट हो जाते हैं एवं कई जन्म तक उसको पाप भोगने पड़ते हैं. इसी प्रकार गुरु की महत्ता भगवान से भी ऊपर है. गुरु कृपा से ही मनुष्य अच्छे कर्मों की तरफ अग्रसर होता है़