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कोहरे से दिखाई नहीं दी ट्रेन

बक्सर : पवनी कमरपुर हाॅल्ट निर्माण के लिए पटरी के बगल में मिट्टी भराई का काम रेलवे के ठेकेदार द्वारा दो दिनों से कराया जा रहा था. रविवार की सुबह 9.20 पर ट्रैक्टरचालक अमित कुमार यादव अपने छोटे भाई राकेश कुमार सिंह के साथ पहला ट्रिप मिट्टी भरने ही आया था, तभी कुहासे के कारण […]

बक्सर : पवनी कमरपुर हाॅल्ट निर्माण के लिए पटरी के बगल में मिट्टी भराई का काम रेलवे के ठेकेदार द्वारा दो दिनों से कराया जा रहा था. रविवार की सुबह 9.20 पर ट्रैक्टरचालक अमित कुमार यादव अपने छोटे भाई राकेश कुमार सिंह के साथ पहला ट्रिप मिट्टी भरने ही आया था, तभी कुहासे के कारण ट्रेन को देख नहीं पाया और देखते-ही-देखते पटरी के बगल में मिट्टी उतार रहा ट्रैक्टर गुवाहाटी से बीकानेर जा रही 15631 अप ट्रेन से ट्रैक्टर का ट्रॉली टकरा गया.

घायल युवक मंगोलपुर चौसा का रहने वाला है. घटना के बाद तेज आवाज हुई, जिससे इंजन का ड्राइवर और गॉर्ड दोनों ने हादसा भाप कर गाड़ी को सूझबूझ से धीमी गति में करने में सफलता पायी और एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. हादसे में ट्रैक्टर पर बैठा युवक राकेश कुमार सिंह गिर कर चोटिल हो गया. उसके सिर में गंभीर चोटें लगी हैं और उसका इलाज सदर अस्पताल बक्सर में चल रहा है. घटना घटते ही बीकानेर एक्सप्रेस के ड्राइवर विनोद कुमार सिंह ने ट्रेन की गति धीमी की,

जिसके कारण घटनास्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर जाकर गाड़ी खंभा नंबर 667/28 के पास जाकर रुकी. ट्रैक्टर का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. देखते-ही-देखते गांवों के लोग जुट गये और ट्रैक्टर की मिट्टी हटाने, ट्रैक्टर को ट्रैक से हटाने समेत अन्य राहत कार्यों में लग गये. करीब पांच घंटे तक ट्रेनों का परिचालन अप लाइन पर ठप रहा. घटना के पांच घंटे बाद घटनास्थल से पहली ट्रेन अपराह्न दो बजे लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस मुगलसराय की ओर गयी.

दोपहर बाद शुरू हुआ परिचालन
गुवाहाटी से बीकानेर जा रही 15631 अप ट्रेन से पवनी-कमरपुर हाॅल्ट के पास एक ट्रैक्टर के टकरा जाने से रविवार को दिन भर बक्सर-पटना रेलमार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा. अप लाइन में ट्रेनों का परिचालन दोपहर दो बजे से सामान्य हो सका. हादसे के कारण पटरी भी अप लाइन में टूट गयी, जिसके कारण उस पटरी को भी बदलना पड़ा.
ट्रैक्टर के डाल में मिट्टी लोड था
जो ट्रैक्टर ट्रेन से टकराया, उसके डाला में मिट्टी भरा हुआ था और रेलवे की ओर से कमरपुर हाॅल्ट पर स्टेशन बनाने के लिए मिट्टी भराई का काम चल रहा है, उसी में ट्रैक्टर काम कर रहा था. मिट्टी बगल के ही रेलवे की जमीन से काट कर ट्रैक के बगल में डाला जा रहा है. ट्रैक के बगल में ज्यादा जगह नहीं होने के कारण ट्रैक्टर का टॉली ट्रैक के अंदर चला गया था, जिससे इंजन और डिब्बे टकराते रहे. किसी डिब्बे का पायदान टूटा, तो किसी डिब्बे का अन्य हिस्सा टूटा. जहां घटना घटी वहां से डेढ़ किलोमीटर दूर पोल नंबर 667-28 के पास जाकर ट्रेन रूक गयी.
घटना के वक्त ट्रेन की स्पीड 80 के पार थी : ट्रेन के ड्राइवर विनोद कुमार सिंह के अनुसार जिस समय घटना घटी, उस समय ट्रेन की स्पीड 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे की थी, जिसके कारण इमरजेंसी ब्रेक लगाना संभव नहीं था. इस कारण गाड़ी को धीरे-धीरे स्पीड घटा कर रोका गया. दुर्घटना राहत ट्रेन मुगलसराय से 12 बजे दिन में आयी और युद्ध स्तर पर डीएमइ, पावर इकबाल अहमद और मुख्य लोको निरीक्षक सुरेंद्र पांडेय की देखरेख में बचाव व राहत कार्य शुरू किया
गया और महज एक घंटे में ही रेल के पटरी से उतरे चक्के को पटरी पर लाया गया और क्षतिग्रस्त डिब्बे के बैटरी बॉक्स समेत अन्य टूटे सामान को डिब्बा से अलग कर रेल को चौसा ले जाने तक ठीक-ठाक किया गया.
चौसा में क्षतिग्रस्त एसी डिब्बे को अलग किया गया : चौसा में क्षतिग्रस्त एसी के डिब्बे को अलग कर फिर आगे ट्रेन को रवाना किया गया. इस बीच यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. ग्रामीणों ने सहयोग कर बच्चों को दूध और यात्रियों को पानी पिलाने समेत स्नान करने तक की सुविधाएं दीं. घटना के बाद ट्रेन के इंजन समेत कई डिब्बों को क्षति पहुंची.डिब्बों के कई अंश टूट गये. किसी डिब्बे का पायदान टूटा, तो किसी डिब्बे का चक्का का हिस्सा टूटा.
थ्री टॉयर एसी बोगी नंबर 05107, बी-1 के आठ चक्कों में से पिछले चार चक्के का लीडर विल का दो चक्का पटरी से नीचे उतर गया. हादसे के कारण एसी बोगी का बैटरी बॉक्स भी पूरी तरह टूट गया. इसके अतिरिक्त तीन और डिब्बे के निचले हिस्से में लगे कई पार्ट्स क्षतिग्रस्त होकर टूट गये. ट्रैकों पर टूटे हिस्सों के साथ-साथ दो पटरियों को जोड़ने वाली सीमेंटेड पट्टियां भी दर्जनों की संख्या में क्षतिग्रस्त हो गयीं. एक पटरी भी टूट कर दो भागों में बंट गयी. टूटी पटरी को बदलना पड़ा.
मुगलसराय में जुटा नया थ्री टॉयर बोगी : घटनास्थल पर पहुंचे डीआरएम आरके झा ने बताया कि यह हादसा है और ड्राइवर-गॉर्ड की सूझबूझ के कारण बड़ी घटना टली है. क्षतिग्रस्त एसी के डिब्बे को किसी तरह खींच कर चौसा-मुगलसराय तक ले जाया जायेगा और वहां उसे अलग कर दिया जायेगा. फिर थ्री टॉयर का नया डिब्बा जोड़ कर गाड़ी को आगे बढ़ाया जायेगा.

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