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ट्रेनों में धूम्रपान जारी, प्रशासन मौन

बक्सर : चलती ट्रेन में धड़ल्ले से स्मोकर स्मोकिंग करते दिख जाते हैं. यह प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.क्योंकि मादक पदार्थों के रोक को लेकर रेलवे पुलिस के पास न तो कोई विशेष अभियान है और न ही कोई योजना. जानकारी के मुताबिक पिछले कई सालों में स्मोकिंग के मामले में गिरफ्तारी न के […]

बक्सर : चलती ट्रेन में धड़ल्ले से स्मोकर स्मोकिंग करते दिख जाते हैं. यह प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.क्योंकि मादक पदार्थों के रोक को लेकर रेलवे पुलिस के पास न तो कोई विशेष अभियान है और न ही कोई योजना.

जानकारी के मुताबिक पिछले कई सालों में स्मोकिंग के मामले में गिरफ्तारी न के बराबर है, जिससे स्मोकर का मनोबल इतना बढ़ गया है कि चलती ट्रेनों में खुलेआम धूम्रपान करते हैं. सबसे ज्यादा लोकल ट्रेनों का बुरा हाल है.कुछ लापरवाह यात्री रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की बोगियों में सरेआम सिगरेट,बीड़ी, शराब समेत अन्य मादक पदार्थों का सेवन करते हैं,जिससे अन्य यात्रियों को परेशानी के साथ-साथ बुरा असर पड़ता है. इसके लिए रेलवे ने कानून बना रखा है,

लेकिन इसे लागू कराने में पुलिस लापरवाह बनी हुए है.नियमित कार्रवाई नहीं होने से रोजाना बोगियों में धूम्रपान करते लोग दिख जा रहे हैं.

लोकल ट्रेनों में है बुरा हाल : पटना से मुगलसराय तक चलनेवाली लोकल ट्रेनों में स्मोकरों का कब्जा है.लोकल कुछ यात्री खुलेआम सिगरेट,बीड़ी समेत अन्य मादक पदार्थों का सेवन करते हैं.यात्रियों ने बताया कि चलती ट्रेनों में सिगरेट,बीड़ी पीनेवालों की सबसे ज्यादा संख्या है,जिससे सफर के दौरान अन्य यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है.
पुलिस की निष्क्रियता के कारण स्मोकरों की संख्या बढ़ रही है.जब इसका यात्री विरोध करते हैं, तो मारपीट की नौबत आ जाती है.
पैंट्रीकार में जबरन करते हैं स्मोकिंंग : कुछ ऐसे दबंग यात्री भी ट्रेनों में सवार हो जाते हैं, जो पेंट्रीकार में जबरन घुस कर सिगरेट पीते हैं.
इसका विरोध करने पर कर्मी व स्मोकर के बीच नोंकझोंक हो जाती है.पैंट्रीकार में सिगरेट पीना काफी खरतनाक साबित हो सकता है. दरअसल पैंट्रीकार में खाना बनाने के लिए ज्वलनशील एलपीजी रसोई गैस रखा रहता है.ऐसे में एक छोटी सी आग की चिनगारी एक बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है.
ट्रेनों में बिकता है मादक पदार्थ : नियमित कार्रवाई नहीं किये जाने से खुलेआम ट्रेनों में मादक पदार्थों की ब्रिकी होती है.लोकल ट्रेनों में, तो पुलिस के नाक के नीचे यह काम धड़ल्ले से चल रहा है.हालांकि रेलवे ने इसे सख्ती से लेते हुए कार्रवाई कर रही है,लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों की लापरवाही के कारण मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक नहीं लग पा रही है.
शौचालय के समीप बना है स्मोकिंग जोन : ट्रेन की बोगियों के शौचालय के समीप स्मोकिंग जोन बन गया है.जहां कई स्मोकर एक साथ धूम्रपान करते देखे जा सकते हैं.इस दौरान महिला,बच्चों को शौचालय जाने के क्रम में काफी परेशानी होती है.
नहीं है सख्त कानून : सुप्रीम कोर्ट की पहल के बाद सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर रोक लगायी गयी थी, मगर सारे सार्वजनिक स्थलों पर काेर्ट के आदेश का हवाहवाई हो गया है. रेलवे ने स्टेशन व ट्रेनों में स्मोकिंग करनेवालों के लिए रेलवे एक्ट के तहत 23 अक्टूबर 2008 को कानून बनाया है, जिसके तहत मात्र 200 रुपये जुर्माना और हिदायत देकर छोड़ देना का प्रावधान है.स्मोकिंग को लेकर रेलवे का रवैया काफी नरम है.समाजसेवी संतोष कुमार ने बताया कि स्मोकिंग के कानून को और सख्त बनना चाहिए,जिससे लोगों में खौफ पैदा हो सके.
किन-किन जगहों पर है पाबंदी : स्टेशन, ट्रेन, ट्रैफिक सिग्नल, सिनेमा घर, धार्मिक स्थल, पार्क, स्कूल, कॉलेज समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर स्मोकिंग करना कानूनन अपराध माना जाता है.
क्या कहते हैं यात्री : यात्री राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि ट्रेन में स्मोकिंग करनेवालों पर कानून का कोई खौफ नही दिखता है.आलम यह है कि पुलिस की सांठ-गांठ से ही ट्रेनों में मादक पदार्थों की बिक्री हो रही है.ट्रेनों में परिवार के साथ चलना काफी मुश्किल हो गया है.यात्री रुपेश कुमार ने बताया कि सुपरफास्ट ट्रेनों में भी बुरा हाल है.बॉगी के शौचालय के समीप स्मोकिंग जोन बना दिया गया है.
एक ट्रेन ऐसी है, जिसमें रोज होता है जुर्माना : स्मोकिंग को लेकर एक ट्रेन ऐसी भी है, जिसमें स्मोकिंग करने पर तुरंत जुर्माना लगाया जाता है.हाजीपुर लाइन में चलनेवाली वैशाली एक्सप्रेस जो बरौनी से दिल्ली की ओर चलती है में स्मोकिंग करने पर तुरंत गिरफ्तार कर जुर्माना लगाया जाता है.
क्या कहते हैं इंस्पेक्टर : आरपीएफ इंस्पेक्टर विनय महाराज ने बताया कि स्मोकिंग करते पकड़े गये लोगों से 200 रुपये जुर्माना वसूल किया जाता है. हालांकि इस तरह के मामले में शिकायत बहुत कम मिलती है, जिससे कार्रवाई करने में परेशानी होती है. वहीं, समय-समय पर कार्रवाई की जाती है.
क्या-क्या होती है परेशानी : जहां-तहां गुटखा खाकर थुकने से संक्रमित बीमारी फैलने का डर रहता है और स्वच्छ जगह पर गंदा दाग लग जाता है, जो जल्दी छुटने का नाम नहीं लेता. वहीं, सिगरेट, बीड़ी व गांजा पीने से पास वाले व्यक्ति जो नशा नहीं करता है, उसको परेशानी होती है. कभी-कभी लोग गश्त खाकर गिर भी जाते हैं. यही नहीं, सिगरेट, बीड़ी व गांजा से निकलनेवाले धुएं के साथ चिनगारी भी निकलती, जिससे ट्रेन में आग भी लग सकती है, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है.

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