बक्सर : बक्सर जिले में शराब की 107 दुकानें स्वीकृत हैं, जिसमें देसी 33, विदेशी 29 और कंपोजिट शराब की दुकानें 45 हैं. वर्ष 2007 में जब बिहार सरकार ने शराब से पैसे उगाही की सोची, तो उस समय ही इस विभाग को टारगेट ओरिएंटेड बना दिया गया. मात्रा फिक्स कर टारगेट फिक्स कर दिया […]
बक्सर : बक्सर जिले में शराब की 107 दुकानें स्वीकृत हैं, जिसमें देसी 33, विदेशी 29 और कंपोजिट शराब की दुकानें 45 हैं. वर्ष 2007 में जब बिहार सरकार ने शराब से पैसे उगाही की सोची, तो उस समय ही इस विभाग को टारगेट ओरिएंटेड बना दिया गया. मात्रा फिक्स कर टारगेट फिक्स कर दिया गया. दुकानों का कोटा निर्धारित कर दिया गया और लॉटरी के आधार पर दुकानों का आवंटन शुरू कर दिया गया.
ग्रामीण स्तर पर कंपोजिट दुकानें खोल कर पैसे की उगाही की रणनीति बनायी गयी. बक्सर जिले में 20 लाख 24 हजार 285 एलपीएल देसी शराब तथा 48 हजार 818.26 एलपीएल विदेशी शराब और 76 हजार 340 बल्क लीटर वीयर बेचने का कोटा निर्धारित है. 49 करोड़ 24 लाख रुपये का वार्षिक लक्ष्य विभाग को दिया गया है.
बक्सर में दुकानें : नगर पर्षद बक्सर में 14 देसी, 11 विदेशी तथा नगर पर्षद डुमरांव क्षेत्र में छह देसी और छह विदेशी शराब की दुकानें हैं. इसके अतिरिक्त विभाग की ओर से भी 14 देसी-विदेशी और कंपोजिट शराब की दुकानें खोली गयी हैं. जिसमें रघुनाथपुर, सोनवर्षा, पांडेयपट्टी, टुड़ीगंज, चौसा, राजपुर, इटाढ़ी, ब्रह्मपुर, चौगाईं, नावानगर, सिमरी, केसठ, और चक्की में एक-एक दुकानें विभाग की भी चल रहीं हैं.
बक्सर जिले में नहीं है एमएनटीपी की कोई दुकान : बक्सर जिले में सूरा और मृत संजीवनी जैसी चीजों का इस्तेमाल भी पहले से हो रहा है. शराबबंदी के बाद इनका इस्तेमाल भी बढ़ सकता है. हालांकि बक्सर जिले में ऐसी कोई दुकान की स्वीकृति व आवंटन अब तक नहीं हुआ है. एमएनटीपी एक्ट के तहत इसके लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया स्वास्थ्य विभाग और उत्पाद विभाग दोनों के मेल से ही संभव है, मगर जिले में अब तक इसकी खपत शून्य है. जबकि अन्य जिलों में शराब का सेवन करनेवाले लोग शराब की अनुपलब्धता के बीच इनका भी सेवन करते हैं.
कहते हैं उत्पाद अधीक्षक
शराबबंदी का पालन कड़ाई से किया जायेगा. नयी उत्पाद नीति के अनुकूल शराबबंदी के लिए विभाग के संसाधन और कर्मियों को बढ़ाना होगा, तभी शराबबंदी रोकने की दिशा में विभाग के कर्मी काम कर सकेंगे. प्रखंड स्तर पर भी उत्पाद विभाग की शाखाएं बनानी होंगी, जो अभी जिला स्तर पर काम कर रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल उत्पाद विभाग ने स्वीकृत 38 पदों की जगह पर 17 पदों पर अधिकारी और कर्मी कार्यरत हैं.
मनोज कुमार सिंह, उत्पाद अधीक्षक