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16 हजार हेक्टेयर खेत में अब तक रोपनी नहीं
वर्षा नहीं होने के कारण जिले के किसान हुए मायूस बक्सर : वर्षा के रुकते ही धान की रोपनी भी जिले में रूक गयी है. लक्ष्य के 90 हजार हेक्टेयर के विरुद्ध धान की रोपनी अब तक जिले में 73 हजार 572 हेक्टेयर में खेत में हो पायी है. अगस्त माह में वर्षा का लक्ष्य […]
वर्षा नहीं होने के कारण जिले के किसान हुए मायूस
बक्सर : वर्षा के रुकते ही धान की रोपनी भी जिले में रूक गयी है. लक्ष्य के 90 हजार हेक्टेयर के विरुद्ध धान की रोपनी अब तक जिले में 73 हजार 572 हेक्टेयर में खेत में हो पायी है. अगस्त माह में वर्षा का लक्ष्य जो 372 मिलीमीटर का है, उसमें से छह दिनों में मात्र 50 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जिससे खेतों में रोपनी नहीं हो पा रही है.
कई जगहों पर नहरों में पानी भी नहीं पहुंच पाया, जिसके कारण उन क्षेत्रों में किसान रोपनी नहीं कर पा रहे हैं. रोपनी के लिए कई नहरों में पानी मिलने की संभावना भी निकट भविष्य में नहीं लगता. क्योंकि अधिकारियों ने इसके लिए कोई योजना मुकम्मल नहीं बनायी है.
हालांकि अधिकारी एक सप्ताह के अंदर सूखे नहरों में पानी उपलब्ध करा देने की बात कर रहे हैं. अभी रोपनी चक्की, ब्रह्मपुर, चौगाईं, केसठ और नावानगर में लक्ष्य से काफी कम हुआ है और कृषि विभाग का मानना है कि वर्षा नहीं होने के कारण अभी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है मगर डीजल अनुदान अथवा अन्य सहायक कार्यो से लक्ष्य पूरा लिया जायेगा.
जुलाई माह में वर्षा कम होने से रोपनी पर पड़ा बुरा असर: जानकारी के मुताबिक पिछले सप्ताह तक वर्षा काफी अच्छी हुई थी. जून माह में औसत वर्षा लक्ष्य से अधिक हुई थी, लेकिन जुलाई माह में वर्षा की स्थिति कम रही, जिससे वर्षा का पूरा लक्ष्य अभी पीछे चल रहा है.
इस संबंध में डीजल अनुदान के जरिये किसानों को पैसे देकर रोपनी का लक्ष्य पूरा करने के प्रति प्रशासन गंभीर है. हालांकि सभी प्रखंडों में 12 सौ आवेदन अब तक डीजल अनुदान के लिए मिले हैं, जिसमें किसानों को जमीन की रसीद डीजल खरीद की रसीद जमा करना है.
क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी
कृषि पदाधिकारी प्रेमशंकर राम ने कहा कि वर्षा के कारण अब तक अच्छी रोपनी हुई थी, मगर फिलहाल पानी नहीं बरसने से रोपनी रुकी हुई है. फिर भी सिंचाई के दूसरे संसाधनों के जरिये 15 फीसदी रोपनी बढ़ायी गयी है.
उन्होंने कहा कि रोपनी का 90 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य हर हाल में पूरा किया जायेगा और इसके लिए नहरों में पानी की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि खाद की भी कमी नहीं है. किसानों को परेशानी नहीं होगी.
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