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कई बार दिखा हंसी मजाक का माहौल
बक्सर : भले ही शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के साथ-साथ दर्जनों न्यायिक अधिकारी मौजूद थे, लेकिन कार्यक्रम के दौरान कई बार हंसी एवं व्यंग का माहौल बनता रहा. दक्षिण भारत के निवासी व अहिंदी भाषी मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी ने अपने संबोधन से सभी हिंदी भाषियों को हर्षित […]
बक्सर : भले ही शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के साथ-साथ दर्जनों न्यायिक अधिकारी मौजूद थे, लेकिन कार्यक्रम के दौरान कई बार हंसी एवं व्यंग का माहौल बनता रहा. दक्षिण भारत के निवासी व अहिंदी भाषी मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी ने अपने संबोधन से सभी हिंदी भाषियों को हर्षित कर दिया.
उन्होंने मंच संचालक रामेश्वर वर्मा के बोलने की सराहना करते हुए कहा बोलते अच्छा हैं, लेकिन उसी में गाली-गलौज भी कर दिये होंगे, तो मुङो पता नहीं चलेगा. इसे सुनने के साथ सभी लोग जोर-जोर से हंसने लगे.
वहीं, मंच पर उपस्थित न्यायमूर्ति हेमंत सिन्हा जो बक्सर के दामाद हैं, पर व्यंग करते हुए कहा कि दामाद की नीयत कभी ठीक नहीं रहती है. बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्र के भोजपुरी भाषण को लोगों ने काफी आत्मीयता के साथ सुना, लेकिन बार हंसी के ठहाके छूटते रहे.
जबकि बक्सर के रिश्तेदार न्यायमूर्ति हेमंत सिन्हा ने अपना संक्षिप्त संबोधन यह कह कर समाप्त कर दिया कि हम लोग काम करते हैं, बोलने का काम चौबे जी-अश्विनी चौबे करेंगे. सांसद ने डाले कोर्ट के इतिहास पर प्रकाश.
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