Advertisement
आस्था पर भारी आपदा, लोग बेबस
अहिरौली में चल रहे अंतरराष्ट्रीय वैष्णव महासम्मेलन का मंगलवार को ही होना था समापन बक्सर : बक्सर मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर अहिरौली में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ और अंतरराष्ट्रीय वैष्णव महासम्मेलन में मंगलवार को आयी आंधी ने तबाही मचा दी और बनाये गये यज्ञ स्थल समेत दर्जनों पंडाल और लोगों के ठहरने […]
अहिरौली में चल रहे अंतरराष्ट्रीय वैष्णव महासम्मेलन का मंगलवार को ही होना था समापन
बक्सर : बक्सर मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर अहिरौली में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ और अंतरराष्ट्रीय वैष्णव महासम्मेलन में मंगलवार को आयी आंधी ने तबाही मचा दी और बनाये गये यज्ञ स्थल समेत दर्जनों पंडाल और लोगों के ठहरने के लिए बना टेंट उजड़ गया. प्राकृतिक आपदा आस्था पर भारी पड़ गयी.
डुमरांव की रहने वाली बच्ची गुड़िया कुमारी का पैर टूट गया जिसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया गया.
पंडाल उजड़ने से दर्जनों लोग जख्मी हुए जिन्हें मरहम पट्टी लगा कर विदा किया गया. आंधी-तूफान के कारण दूर-दूर से आये साधु-संतों को भूखे वापस लौटना पड़ा और साधु-संतों को प्राकृतिक आपदा के कारण विदाई भी ठीक से नहीं दी जा सकी. दूर-दूर से आये देश भर के बड़े साधु-संत महासम्मेलन के बाद ही कई जा चुके थे जिसके कारण आपदा की क्षति से वे बच गये.
भागे साधु-संत
साधु की टोली और दूर-दूर से आये भक्त और श्रद्धालु उजड़े टेंटों के कारण भागते नजर आये. कीर्तन मंडली और साधु मंडली के लोगों को कुछ नजर नहीं आ रहा था कि किधर भाग कर जाएं, क्योंकि चारों ओर खेत ही खेत था. यज्ञ स्थल पर विशाल वैष्णव महासम्मेलन के लिए और सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए बड़ा सा मंच बना था. जहां साधु-संत बैठे थे. जब आंधी-तूफान आया तो उस समय जीयर स्वामी जी महाराज भी मंच पर ही बैठे थे. आंधी तूफान से यह मंच भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया.
विदाई कार्य भी बाधित
यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद साधु-संतों की विदाई होनी थी मगर तेज आंधी के कारण साधु समाज व श्रद्धालुओं के बीच तबाही मच गयी. साधु-संतों को विदा नहीं किया जा सका. यहां तक कि भंडारा का पंडाल टूट जाने और अस्तव्यस्त हो जाने से बना भोजन बरबाद हो गया और कई साधु-संतों को भूखे लौटना पड़ा.
जाको राखे सांइयां मार सके न कोय
अहिरौली में यज्ञ स्थल पर जिस तरह नौ दिनों से भीड़ उमड़ी थी, उससे पूरा शहर आध्यात्मिक हो चुका था. कराकट और पंडाल हवा में उड़ जाने के बाद भी दर्जनों लोगों को चोटें आयीं, मगर कोई हताहत नहीं हुआ. जिससे जीयर स्वामी जी महाराज ने यही कहा जाको राखे सांइयां मार सके न कोय.
राहत कार्य में जुटे अधिकारी
यज्ञ स्थल पर पहले से तैनात जिले के पुलिस कप्तान उपेंद्र कुमार शर्मा, डीएसपी सुनील कुमार और डुमरांव डीएसपी आरके गुप्ता समेत तमाम अधिकारी व पुलिस महकमे के लोग तुरंत राहत कार्य में जुट गये. बिना विलंब किये राहत टीम भी लोगों को उजड़े पंडालों से निकालने में जुट गयी. कई लोगों को अस्पताल में ले जाकर मरहम पट्टी करायी गयी और कई को स्थानीय तौर पर इलाज करा कर स्वस्थ कर दिया गया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement