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शहर के कई इलाकों में प्रवेश किया पानी

दियारा इलाके के दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूटा बक्सर : गंगा में उफान के कारण बाढ़ की स्थिति दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है. बुधवार को नगर के नये इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. दियारे इलाके के दो दर्जन से अधिक […]

दियारा इलाके के दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूटा

बक्सर : गंगा में उफान के कारण बाढ़ की स्थिति दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है. बुधवार को नगर के नये इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. दियारे इलाके के दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है. इधर, राजपुर को जोड़नेवाली सड़कों पर बाढ़ का पानी फैलने से प्रखंड मुख्यालय का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. गंगा के जल स्तर में वृद्धि के कारण नगर के रामबाग मुहल्ले के डेढ़ दर्जन से अधिक घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. कोइरपुरवा से नगर पर्षद के समीप मुख्य पथ को जोड़नेवाली सड़क पर बाढ़ का पानी आर-पार बहने लगा है. कोइरपुरवा के निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैलने से सब्जी की खेती नष्ट हो गयी है. जल स्तर में वृद्धि के कारण कोइरपुरवा, खलासी मुहल्ला, मेन रोड और सोहनीपट्टी के इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है. सदर प्रखंड के अहिरौली, अर्जुनपुर, शेरपुर, गगौरा, पड़री, मझरिया सहित अन्य इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है. मझरिया के समीप बक्सर-सिमरी पथ पर पानी फैलने के कारण आवागमन ठप हो गया है. नगर के सारिमपुर, रानी सती घाट और जहाज घाट के किनारे बसे घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. लोग जरूरी सामानों के साथ छतों पर शरण लिये हुए हैं. रामरेखा घाट स्थित विवाह मंडप की छतों को बाढ़ का पानी छूने लगा है. रामरेखा घाट से गोला घाट के बीच बने मेरिन ड्राइव भी बाढ़ के पानी से डूब गया है. बाढ़ की भयावहता को देखने के लिए लोगों की भीड़ नाथ बाबा मंदिर, रामरेखा घाट और वीर कुंवर सिंह सेतु पर पूरे दिन लगी रहती है. गंगा के जल स्तर में वृद्धि से सोन कैनाल में भी पानी का दबाव बढ़ा है जिसके कारण प्रेमचंद पथ और मालवीय नगर के पथों पर बाढ़ का पानी फैल गया है.

टापू में तब्दील हुए कई गांव

ब्रह्मपुर (बक्सर) त्र उत्तरी नैनीजोर पंचायत के हर टोलों में बाढ़ का पानी घरों में प्रवेश कर गया है. ढाबी, गजाधर डेरा, पोखरहा ढाला, संजीवन डेरा पूर्ण रूप से टापू में तब्दील हो गये हैं तो वहीं छोटकी नैनीजोर पंचायत चारो तरफ के पानी से घिर गया है. बदलइया टोला के रामाकांत राम का मिट्टी का घर ध्वस्त हो गया है. राज मोहन राम, रास बिहारी राम, जय प्रकाश राम अपने घरों को छोड़ कर दूसरे के यहां शरण ले लिये हैं. महुआर, गहौना, हरनाथपुर, बैरिया, गायघाट एवं योगिया के कुछ गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. आठ पंचायतों में बुरी तरह से बाढ़ का कहर जारी है. मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थानों पर पलायन जारी है. विगत एक माह से बाढ़ का पानी से लोग परेशान हो रहे हैं पर प्रशासन की तरफ से राहत के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जा रहा है. हालांकि जिला पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने नाव से जवही से नैनीजोर तक का मुआयना किया.

रोड व स्कूल बने बाढ़पीडि़तों की शरणस्थली

राजपुर (बक्सर) त्र गंगा और कर्मनाशा में आयी उफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जल स्तर में हो रही वृद्घि से जहां क्षेत्र के राइनी भान, तिवाय, डिहरी, सिकरौल, सोनपा और बनारपुर गांव पूरा पानी से घिर गया है, वहीं इस क्षेत्र का संपर्क जिला मुख्यालय से बिल्कुल टूट गया है. सभी छोटी और बड़ी गाडि़यों का परिचालन भी ठप हो गया है. बाढ़ की तबाही का सबसे ज्यादा असर बनारपुर और सिकरौल गांव को झेलना पड़ रहा है. पानी से घिरने के कारण लोग आशियाना छोड़ रोड और स्कूल को अपना शरण स्थल बना लिये हैं. बनारपुर गांव के महादलित परिवार के पप्पू मुसहर, रमेश मुसहर, बहादुर मुसहर, नारद मुसहर, चन्द्रकला मुसहर के साथ-साथ नन्द कुशवाहा, कुबेर कुशवाहा, राजेश कुशवाहा सहित अन्य लोग मध्य विद्यालय में शरण लिये हुए हैं. दूसरी तरफ महावीर स्थान सोनपा के पानी से घिर जाने के कारण आशा देवी अपने परिजनों के साथ बक्सर मोहनियां मुख्य पथ पर प्लास्टिक की मड़ई में गुजर बसर कर रही हैं. बाढ़ के कारण इन लोगों के समक्ष भुखमरी की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. पीडि़तों ने बताया कि अभी तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी देखने तक नहीं आया है. वहीं हाल बनारपुर और सिकरौल में भी घिरे लोगों का है.

भरियार-नुआंव पथ पर चढ़ा पानी

डुमरांव त्र गंगा व धर्मावती नदी में आयी उफान के कारण दिनों-दिन बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है़ सिमरी व चक्की प्रखंड के दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं़ बाढ़ का पानी चढ़ने से भरियार-नुआंव की सड़क पर आवागमन ठप हो गया है़ पानी से घिरे लोग बांध के ऊंचे स्थान पर शरण लेने को विवश है़ं तटबंध की स्थिति को लेकर जगह-जगह प्रशासन द्वारा निगरानी की जा रही है़ सिमरी प्रखंड के बड़का गांव, राजपुर, लाल सिंह के डेरा, गुरुदेव नगर, केशोपुर, मानिकपुर ऊपरी भाग में भी पानी प्रवेश हो गया है़ नीचले इलाकों के दर्जनों गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं़ चक्की प्रखंड के भरियार में भी पानी घुस गया है़ जल स्तर में वृद्धि से भरियार-चना गांव के लोग गांव छोड़ने को विवश हो गये हैं़ भरियार की सड़क पर पानी के बहाव से एनएच 84 से संपर्क भंग हो गया है़ निचले इलाकों में धर्मावती नदी का जल स्तर बढ़ने से दो दर्जन गांवों के लोगों को जान-माल की समस्या गंभीर हो गयी है़

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