ब्रह्मपुर : ब्रह्मपुर प्रखंड के रघुनाथपुर में युनेस्कों के तत्वावधान में साहित्यिक संस्था रचना के सदस्यों द्वारा कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिले के वरिष्ठ कवि एवं शायर कुमार नयन एवं रचना संस्था के उपाध्यक्ष रामाधार तिवारी आधार ने दीप प्रज्वलित कर किया.
कवि बासुकीनाथ मिश्र ने सरस्वती वंदना गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. वरिष्ठ कवि रत्नेश ओझा ‘राही’ ने अपने चिर परिचित अंदाज में कार्यक्रम का संचालन किया. कवि मु़ मुहर्रम ने देश भक्ति कविता से अपनी प्रस्तुति दी. उसके बाद मुख्य अतिथि कुमार नयन ने खौलते पानी में डाला जायेगा, रूह को ऐसे खंगाला जायेगा से उपस्थित कवियों की आंखे खोल दी.
राम निवास वर्मा शिशिर ने ए सरोज तु क्यों खिलता है, कीचड़ में क्यों नहीं खिलता प्रीतम के आंगन में, युवा रचनाकार दिनेश ओझा राज ने बड़े ही राज की बात कही. अमर शहीदों को पूरा संवैधानिक अधिकार चाहिए, भारत की रक्षा हित फिर से भगत सिंह सरदार चाहिए से देश भक्ति की मिसाल दी.
वहीं, हाल ही में फणीश्वर नाथ रेणु सम्मान से सम्मानित प्रखंड के चर्चित कथाकार एवं कवि सुरेश कांटक ने दह रहा हू बाढ़ में तन्हा अपने गांव में सुनाया. रचना संस्था के उपाध्यक्ष एवं साहित्यकार रामाधार तिवारी आधार ने सुनायी. पूर्व प्रधानाध्यापक जगदीश चंद ओझा ने जय बिहार से कविता की शुरुआत की. शिवदास सरोज ने जब द्वंद की दुदुंभी बजती है गाया. प्रसिद्ध गीतकार मंटू ओझा मनमीत ने भी जानदार प्रस्तुति दी. वहीं, अंत में रत्नेश ओझा राही ने महंगाई पर प्रहार किया.