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उधुरा में मौत व भगदड़ के बाद भी लाखों लोग शामिल हुए भंडारे में
दिन भर सड़कें रहीं जाम, घटना के कारण पूर्णाहुति कार्यक्रम देर से संपन्न हुआ ब्रह्मपुर : उधुरा में आंधी-तूफान में उजड़े पंडाल और मौत के बाद भी भंडारे में लाखों लोगों की भीड़ जुटी रही. सुबह से लेकर देर रात तक भंडारे का आयोजन होता रहा और यज्ञ स्थल से आनेवाली सभी सड़कें छोटी गाड़ियों […]
दिन भर सड़कें रहीं जाम, घटना के कारण पूर्णाहुति कार्यक्रम देर से संपन्न हुआ
ब्रह्मपुर : उधुरा में आंधी-तूफान में उजड़े पंडाल और मौत के बाद भी भंडारे में लाखों लोगों की भीड़ जुटी रही. सुबह से लेकर देर रात तक भंडारे का आयोजन होता रहा और यज्ञ स्थल से आनेवाली सभी सड़कें छोटी गाड़ियों से पटी रहीं. तूफान के बाद मुख्य पंडाल गिर गया, लेकिन यज्ञ स्थल में रेफ तक नहीं लगा और वह बिल्कुल सुरक्षित रहा.
रात से ही गांव के लोग राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिये थे, जो शनिवार को भी दिन भर चला. इसी बीच भंडारे में समान जुटाने और खाद्य सामग्री बनाने के लिए लोगों का सहयोग चलता रहा. भंडारे के लिए ग्रामीणों के आने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा. इस महायज्ञ में शामिल होने के लिए पूरे देश भर से संत और श्रद्धालु आये हुए हैं. उत्तरप्रदेश, बंगाल, राजस्थान, हरियाणा और अन्य प्रदेशों के लोग व संत इस आयोजन में शामिल हुए.
रात की घटना के बाद शनिवार को होनेवाली पूर्णाहुति में भी खलल पड़ी और संतों को काफी विलंब हो गया पूर्णाहुति करने में ब्रह्मपुर के साथ-साथ जिले के तमाम प्रखंडों से श्रद्धालु रामलीला देखने आये थे. जिस समय पंडाल उखड़ा उस पंडाल में हजारों की संख्या में लोग बैठे थे और तेज हवाओं के कारण पंडाल हिलता देख कई लोग दौड़ कर बाहर भी निकल गये थे, जिसके कारण वे लोग सुरक्षित बच गये. भगदड़ के कारण बच्चों और महिलाओं की सबसे बुरी स्थिति रही और कई लोग एक दूसरे के ऊपर भी चढ़ कर पंडाल से निकलने की कोशिश की, जिसमें कई लोगों को चोटें आयीं.
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