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उदीयमान सूर्य को अर्घ के साथ छठ व्रत संपन्न
बक्सर : लोक आस्था एवं पुरातन लोक संस्कृत को जीवित रखनेवाला कठिन तपस्या का महान पर्व छठ गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ ही संपन्न हो गया. बाहर से आनेवाले लोग अहले सुबह अर्घ देकर अपने घरों को लौट गये. छठव्रती अपने घरों से अर्घ देने के लिए सुबह ही गंगा घाटों […]
बक्सर : लोक आस्था एवं पुरातन लोक संस्कृत को जीवित रखनेवाला कठिन तपस्या का महान पर्व छठ गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ ही संपन्न हो गया. बाहर से आनेवाले लोग अहले सुबह अर्घ देकर अपने घरों को लौट गये. छठव्रती अपने घरों से अर्घ देने के लिए सुबह ही गंगा घाटों की तरफ चल दिये थे.
वहीं, बाहर से इस पवित्र व्रत को करने के लिए आये व्रतियों ने रात्रि विश्रम रामरेखा घाट पर ही किया. बाहर से आयी छठ व्रतियों का बसेरा रामरेखा घाट पर था. इनमें कुछ व्रतियों का रात्रि विश्रम घाट पर स्थित मठियों में भी रहा. रात भर घाट पारंपरिक गीतों से गुंजायमान रहा.
चारों तरफ गंगा तट पर भक्तिमय माहौल बना हुआ था. सूर्योदय से पहले ही व्रतियों ने गंगा में प्रवेश किया और डुबकी लगाने लगी शुरू कर दी थी. उदीयमान सूर्य के आगमन से पूर्व लालिमा के छाने के साथ ही व्रतियों ने अर्घ देना शुरू कर दिया. अर्घ दे व्रती धीरे-धीरे अपने घरों की तरफ लौटने लगे. दिन बढ़ने के साथ ही सभी घाट सूना हो गये.
वहीं, इटाढ़ी संवावददाता के अनुसार स्थानीय प्रखंड में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ गुरुवार को ठोरा नदी स्थित घाट पर अहले सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पित करने के साथ संपन्न हो गया. छठ घाट पर छठी मईया की गीत गूंज रही थी.
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