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नवजात को मिली ममता की छांव
राजपुर : आज के कलियुग में मां ने मानवता को ताक पर रखकर अमानवता का परिचय देते हुए मां शब्द को भी बदनाम कर दिया है. विदित हो कि बक्सर-मोहनियां मुख्य पथ पर चौबे जी की छावनी से दक्षिण सोनपा नहर पर शनिवार की शाम कड़ाके की ठंड में कुश और कटीली झाड़ियों के बीच […]
राजपुर : आज के कलियुग में मां ने मानवता को ताक पर रखकर अमानवता का परिचय देते हुए मां शब्द को भी बदनाम कर दिया है. विदित हो कि बक्सर-मोहनियां मुख्य पथ पर चौबे जी की छावनी से दक्षिण सोनपा नहर पर शनिवार की शाम कड़ाके की ठंड में कुश और कटीली झाड़ियों के बीच एक लावारिस नवजात शिशु पड़ा हुआ था.
नवजात ठंड से रो-रो कर परेशान था. बच्च घंटों से चिल्ला रहा था, लेकिन कोई सुननेवाला नहीं था. इसी बीच राजपुर प्रखंड के मंगरॉव पंचायत के संगरॉव गांव निवासी सुग्रीव सिंह अपनी पत्नी के साथ बक्सर से गांव आ रहे थे. घटना स्थल पर लोगों की भीड़ देख कर यह दंपति उक्त नवजात के पास पहुंचा. बच्च रोते-रोते थक गया था. तभी सुग्रीव सिंह की पत्नी बिंदु देवी ने अपने पति से बच्चे को गोद लेने की बात कही. अपनी पत्नी की बात को मान कर सुग्रीव सिंह बच्चे को गोद में उठा लिया.
नवजात गोद में आते ही मां की ममता को शायद महसूस करते हुए शांत हो गया. सुग्रीव सिंह नवजात को अपने घर ले लाये. इसके बाद तत्काल उन्होंने इसकी सूचना स्थानीय मुखिया मकरध्वज सिंह विद्रोही को दी. मुखिया ने बच्चे को गोद लेने पर इस दंपति को धन्यवाद दिया. सुग्रीव सिंह की पहले से तीन लड़कियां हैं, जिसमें सबसे छोटी बच्ची महज सात माह की है.
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