* सावन में इसी तालाब के जल से जलाभिषेक करेंगे श्रद्धालु
।। गणेशानंद पांडेय ।।
ब्रह्मपुर : स्थानीय गांव के प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व के पौराणिक तालाब का पानी दूषित होने से आसपास के घरों में दूर्गंध से लोग काफी परेशान हैं. इससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रहा है. धार्मिक विश्वास के कारण लोग तालाब के जल को बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ पर चढ़ाने को मजबूर हैं.
तत्कालीन जिलाधिकारी अजय यादव ने तालाब के दूषित पानी को निकालने का निर्देश दिया था पर मामला सिफर रहा. न्याय यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तालाब के सौंदर्यीकरण एवं स्वच्छ जल भरने का आश्वासन दिया था. श्रवण मास अब शुरू होनेवाला है. अपने राज्य के अलावा दूसरे राज्यों से अधिक संख्या में श्रद्धालु बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की पूजा-अर्चना करने आते हैं. तालाब की सफाई नहीं होने से इस बार भी शिवभक्त बाबा भोले नाथ को गंदा जल से ही जलाभिषेक करेंगे. इस तालाब का जल स्नान करने के योग्य नहीं है.
धार्मिक महत्व का तालाब होने के बावजूद भी स्थानीय गांव के लोग भी इस तालाब को गंदा करने से बाज नहीं आते हैं. स्थानीय गांव के कई दर्जन घरों के गंदा कपड़ा, मल-मूत्र सहित इस तालाब में साफ होता है, जिससे तालाब के पानी का रंग हरा हो गया है. और मोटी-मोटी काई की परत जम गयी है. जब पुरवा हवा बहती है तो सारी गंदगी मंदिर के समीप आकर जमा हो जाती है. तालाब के पूरब दक्षिणी भाग के लोगों द्वारा घर का कूड़ा करकट भी तालाब में फेंक दिया जाता है. तालाब कीस्वच्छता के लिए कोई पहल नहीं किया जाता है.
* ब्रह्मपुर का पौराणिक तालाब हुआ दूषित
* गंदगी के कारण धार्मिक भावनाओं को पहुंच रहा ठेस