डुमरांव : जनवितरण प्रणाली के अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं के खाद्यान्न व केरोसिन के उठाव व वितरण की निगरानी के लिए गठित अनुमंडल के पंचायत स्तरीय निगरानी समितियां निष्क्रिय हो गयी है. समिति के सदस्यों को खाद्यान्न उठाव व वितरण की जानकारी भी नहीं दी जाती है.
इस समिति के संयोजक ग्राम पंचायत के मुखिया होते हैं. लेकिन, इनके द्वारा बैठक भी नहीं बुलाई जाती है. दर्जनों पंचायतों से मिली जानकारी के अनुसार किसी पंचायत में बैठक होती भी है, तो सिर्फ कागज पर खानापूर्ति की जाती है, जिससे खाद्यान्न व केरोसिन के उठाव व वितरण में जन वितरण प्रणाली दुकानदारों की मनमानी चलती है.
* समिति में शामिल प्रतिनिधि
पंचायत स्तरीय निगरानी समिति के संयोजक ग्राम पंचायत के मुखिया होते हैं. समिति में पंचायत के सरपंच, निकटतम मतों से पराजित मुखिया व सरपंच पद के उम्मीदवार, क्षेत्र के वार्ड सदस्य, संबंधित जनवितरण प्रणाली के दूकानदार सहित सभी मान्यता प्राप्त दलों के एक-एक प्रतिनिधि को शामिल करने का प्रावधान है.
* क्या कहते हैं राजनीतिक दल
भाजपा के जिला प्रवक्ता दयाशंकर तिवारी ने कहा कि किसी भी निगरानी समिति में भाजपा के कार्यकर्ताओं को शामिल नहीं किया गया है. जनवितरण प्रणाली के दुकानदार व मुखिया की मेहरबानी से उपभोक्ता त्रस्त है. सरकार रोक के लिए जल्द कमेटी को पुर्नगठित करें. वहीं राजद के प्रवक्ता सह जिला पार्षद सदस्य सोनू सिंह का कहना है कि सरकार के प्रतिनिधि अपने खास लोगों को अनुश्रवण समिति व अन्य समितियों में जगह देते हैं उन्हें जनता के परेशानियों का ख्याल नहीं रहता है
* क्या कहते हैं विधायक
डुमरांव विधायक डॉ दाऊद अली का कहना है कि पंचायतों में बनी निगरानी व अनुमंडलीय अनुश्रवण समिति का पुनर्गठन किया जायेगा. समितियों में सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जगह मिलेगी. सदस्य जब सक्रिय रहेंगे, तो गड़बड़ी पर अंकुश रहेगा.