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जिले में इस वर्ष मलेरिया के आठ मरीजों की हुई पहचान

बक्सर : इस वर्ष अभी तक मलेरिया के आठ मरीज जिले में पाये गये हैं. जिला मलेरिया प्रोग्राम पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार ने इस बात की पुष्टि की. यह आंकड़ा सरकारी अस्पतालों का है. जिले में मलेरिया के विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने की वजह से लोग जिले से बाहर इलाज कराने के लिए चले जाते […]

बक्सर : इस वर्ष अभी तक मलेरिया के आठ मरीज जिले में पाये गये हैं. जिला मलेरिया प्रोग्राम पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार ने इस बात की पुष्टि की. यह आंकड़ा सरकारी अस्पतालों का है. जिले में मलेरिया के विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने की वजह से लोग जिले से बाहर इलाज कराने के लिए चले जाते हैं.

इस तरह मलेरिया बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है. बता दें कि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो एनाफिलीस मादा मच्छर के काटने से फैलती है.
इससे निकालने वाला प्रोटोजुअन प्लाज्मोडियम शरीर के ब्लड के साथ मिलने लगता है जिससे धीरे-धीरे खून की कमी होने लगती है. मलेरिया के कीटाणु दो तरह होते हैं, एक तो प्लाज्मोडियम फ़ेल्सीपेरम (पीएफ़) जो कभी-कभी जानलेवा हो सकता है, वहीं दूसरा प्लाज्मोडियम वाईवेक्स (पीवी) यह सामान्य मलेरिया होता है.
इन दोनों बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर उचित इलाज तथा चिकित्सकीय सहायता द्वारा ठीक किया जा सकता है.सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मलेरिया का निःशुल्क उपचार किया जाता है.वहीं मलेरिया दिवस पर जीएनएम महाविद्यालय के छात्रों ने मलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता रैली निकाली, जिसमें तमाम अधिकारीगण मौजूद थे.
इस अवसर पर बताया गया कि मलेरिया की सही व पूरी जानकारी ही सबसे बड़ा बचाव है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर तक मलेरिया की जांच एवं इलाज की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है. जिले में लगभग 900 मलेरिया किट वितरित किये गये हैं.

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