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इलाज के अभाव में शिक्षक की बीमार मां ने तोड़ा दम

बक्सर : वेतन के अभाव में दो शिक्षकों की जान जा सकती है. पिछले वर्ष जून माह से 98 शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं हो सका है. इलाज के अभाव में एक शिक्षक की मां दम तोड़ दी. हालत अब यह हो गया है कि बीमारी की बात कौन करे दो जून की रोटी […]

बक्सर : वेतन के अभाव में दो शिक्षकों की जान जा सकती है. पिछले वर्ष जून माह से 98 शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं हो सका है. इलाज के अभाव में एक शिक्षक की मां दम तोड़ दी. हालत अब यह हो गया है कि बीमारी की बात कौन करे दो जून की रोटी के लिए भी ये शिक्षक मोहताज हो गये हैं.

कई शिक्षक तो ऐसे हैं, जो यह मान चुके हैं कि हमें अब वेतन मिलनेवाला नहीं है. 15 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण बच्चों का स्कूल फीस, घर का किराया आदि का भुगतान भी नहीं कर पा रहे हैं. इन शिक्षकों का कसूर सिर्फ इतना है कि जहां पर इनका नियोजन हुआ था. उसकी जांच निगरानी के हवाले है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम रामचंद्रुडु ने 15 अप्रैल, 2015 से पहले की नियुक्ति को जायज माना है. इनके वेतन भुगतान का आदेश भी दे दिया है. वहीं, 25 शिक्षकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश दिया था, जिनका नियोजन 15 अप्रैल के बाद हुआ था.
क्या है नियमावली : शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन के द्वारा पत्रांक-8/अ-5/2015-307 निकाला गया था, जिसमें सभी डीईओ और डीपीओ को निर्देश दिया गया था कि जांच के दौरान शिक्षकों के वेतन पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगायी जा सकती है. अब सवाल यह उठता है कि पत्र विभाग द्वारा जारी किया गया है. इसके बावजूद शिक्षकों का वेतन जान बूझकर रोकना शिक्षा विभाग के अड़ियल रवैये को दर्शाता है. बिहार मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में अकारण किसी भी परिस्थिति में शिक्षकों का वेतन नहीं रोकने को कहा है. शिक्षकों ने कहा कि सरकार िसर्फ बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए दबाव बनाती है, लेकिन शिक्षक किस हालत में पढ़ाई करा रहे हैं, इससे उसे कोई लेना देना नहीं है.
कन्या मध्य विद्यालय ब्रह्मपुर में पदस्थापित शिक्षक की मां का देहांत पैसे के अभाव में हो गया. उन्हें कैंसर की बीमारी थी. एक साल से वेतन नहीं मिलने के कारण इलाज नहीं हो पाया और असमय काल के गाल में समा गयीं.
कुंदन सिंह
मध्य विद्यालय सुंदर टोला ब्रह्मपुर में पदस्थापित शिक्षक का वेतन दो साल से बंद है. यह मूल रूप से उत्तरप्रदेश के जौनपुर के रहनेवाले हैं. नियुक्ति के बाद ब्रह्मपुर में किराये के मकान में रहते हैं. हाल के दिनों में टाइफाइड व मलेरिया से पीड़ित हैं. वेतन नहीं मिलने के कारण इनका इलाज नहीं हो पा रहा है. इनकी स्थिति काफी दयनीय हो गयी है.
विनय गुप्ता
केस स्ट्डी-3
मध्य विद्यालय धरौली ब्रह्मपुर में पदस्थापित हैं. वेतन के अभाव में बच्चों का फीस और घर का खर्च नहीं चला पा रहे हैं. परिवार चलाने के लिए कुछ लोगों से कर्ज भी लिये हैं. पैसे के अभाव में वे अब मानसिक रूप से परेशान रहे हैं.
तारकेश्वर गुप्ता
मध्य विद्यालय भादा ब्रह्मपुर में प्रखंड शिक्षक के रूप में पदस्थापित हैं. इनका भी 15 माह से वेतन नहीं मिला है. इनके पिता को लकवा है. पैसे के अभाव में अपने पिता का इलाज नहीं करा पा रहे हैं. इन्होंने पिता जी के इलाज के लिए इस आशय में कुछ लोगों से कर्ज भी लिये है कि वेतन मिलते ही भुगतान कर देंगे, लेकिन 15 माह से अब तक इन्हें वेतन नहीं मिला.
फोचंद्रशेखर

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