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आखिर क्यों टूट गये डीएम साहब

मातम. डीएम की मौत के बाद बक्सरवासियों के जेहन में कई सवाल बक्सर : डीएम मुकेश पांडेय की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं. बक्सरवासियों के जेहन में भी कई सवाल उठ रहे हैं. जिसका जवाब अभी फिलहाल न जिला प्रशासन के पास है और न ही कोई अधिकारी ही कुछ कह रहे […]

मातम. डीएम की मौत के बाद बक्सरवासियों के जेहन में कई सवाल

बक्सर : डीएम मुकेश पांडेय की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं. बक्सरवासियों के जेहन में भी कई सवाल उठ रहे हैं. जिसका जवाब अभी फिलहाल न जिला प्रशासन के पास है और न ही कोई अधिकारी ही कुछ कह रहे हैं. अब तक की जांच से यह पता चला है कि पारिवारिक विवाद ही डीएम की मौत का कारण है. सूत्रों की मानें, तो डीएम के ससुराल के लोगों से मधुर संबंध नहीं थे. इसे लेकर आये दिन विवाद होते रहते थे. ससुराल के लोगों का राज्य के कई सफेदपोश लोगों से नजदीक संबंध है.
चर्चाओं की मानें, तो एक बड़े नेता के कहने पर कटिहार से उन्हें बक्सर का डीएम बनाया गया था. पुलिस फिलहाल इसे सुसाइड का मामला समझ कर जांच कर रही है. ऐसे में जांच के दौरान पुलिस को ऐसे साक्ष्य मिलते हैं जिसके उकसावे में आकर डीएम ने आत्महत्या की है, तो उस व्यक्ति पर भी मामला दर्ज किया जायेगा. बिहार कैडर के किसी आइएएस अधिकारी का इस तरह से सुसाइड करना पहला मामला है.
कांग्रेस विधायक ने सीबीआइ से जांच कराने की मांग की : कांग्रेस विधायक संजय तिवारी ने बक्सर डीएम की आत्महत्या मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है. विधायक ने कहा कि सीबीआइ जांच से स्पष्ट हो जायेगा कि डीएम ने आत्महत्या की है या उनकी हत्या हुई है. इधर विधायक द्वारा सीबीआइ से जांच कराने की मांग करने के बाद बक्सर का सियासी पारा भी तेज हो गया है.
सरकार को लेना चाहिए कड़ा एक्शन, मामले का हो सके खुलासा : अजय : जिलाधिकारी मुकेश पांडेय की आत्महत्या के पीछे क्या कारण है इसकी जांच होनी चाहिए. सरकार को इस पर कड़ा एक्शन लेना चाहिए, ताकि मामले का खुलासा हो सके. आंदोलन के मार्गदर्शक मंडल के अध्यक्ष अजय मिश्रा ने कहा कि डीएम की छवि बेदाग और कड़क अधिकारी के रूप में थी. ऐसे में उन पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए. बक्सर सांसद द्वारा दिया गया व्यक्तिगत संबंध के बयान की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
डिजनीलैंड स्कूल में ली थी प्रारंभिक शिक्षा : तेजतर्रार आइएएस अधिकारी मुकेश पांडेय की प्रारंभिक शिक्षा गोवाहाटी के जू रोड स्थित डिजनीलैंड स्कूल से हुई थी. प्रारंभिक शिक्षा के बाद दसवीं कक्षा की पढ़ाई फैकेल्टी सेकेंड्री स्कूल नार्थ गोवाहाटी से की थी. 12वीं की पढ़ाई मारिया पब्लिक स्कूल बिकुची से की. बेहतर नंबर आने के बाद उनका दाखिला असम के प्रतिष्ठित कॉलेज कॉटन काॅलेज में हुआ. उन्होंने बीएस इंग्लिस ऑनर्स से किया था. इसके बाद सिविल सेवा की तैयारी में जुट गये. पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफल नहीं हो पाये. इसके बाद वर्ष 2012 में दिये यूपीएससी की परीक्षा में 14 वां स्थान प्राप्त किये.
सिविल सेवा में परीक्षा में सफल होने के बाद लाल बहादुर शास्त्री आइएएस एकादमी से ट्रेनिंग पूरा करने के बाद इन्हें बिहार कैडर मिला. पहली पोस्टिंग बेगूसराय जिले के बलिया अनुमंडल में एसडीओ के पद पर हुआ. दूसरी पोस्टिंग कटिहार में डीडीसी के पद पर हुआ. इसके बाद पहली बार डीएम के पद पर बक्सर में नियुक्ति हुई.
वर्ष, 2013 में हुई थी मुकेश की शादी : वर्ष, 2012 में यूपीएससी में 14वां रैंक हासिल करने के बाद मुकेश पांडेय से शादी लिए कई प्रस्ताव आने लगे थे. मूल रूप से सारण जिले के तेजतर्रार व शांत स्वभाव के रहनेवाले मुकेश पांडेय की शादी का प्रस्ताव पटना से आया. वधू पक्ष के लोग बाढ़ के रहनेवाले हैं. पटना स्थित कार का व्यवसाय करते हैं.
18 नवंबर, 2013 को राजेश कुमार की पुत्री पूनम की शादी मुकेश पांडेय से हुई. चिकित्सक के पुत्र व भारतीय विदेश सेवा, वर्तमान में मास्को में पदस्थापित राजदूत भाई शादी से काफी खुश थे. शादी के बाद वर्ष, 2017 में पुत्री का जन्म हुआ. महज तीन माह की बच्ची को छोड़कर मुकेश पांडेय इस दुनिया को छोड़कर चल बसे. ईमानदार छवि के अधिकारी से सभी को उम्मीद थी. पर होनी को और भी कुछ और मंजूर था.
डीएम को विभिन्न संगठनों ने दी श्रद्धांजलि : बक्सर. जिले में नव पदस्थापित जिलाधिकारी मुकेश पांडेय की मौत को लेकर पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गयी है. उनके आत्मा की शांति के लिए जिले में सभी संस्थानों में शोकसभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी जा रही है. शुक्रवार को नगर के स्मृति कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एवं मैनेजमेंट
संस्थान के तत्वावधान में शोकसभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गयी. इस मौके पर डायरेक्टर डॉ रमेश कुमार, देव कुमार, अर्चना, सुधांशु, आदित्य, विकास, प्रिया, प्रीति, विकास, अनिल, नाजिया खान आदि शामिल थे. वहीं डॉ केके मंडल महिला कॉलेज में जिलाधिकारी को प्रभारी प्राचार्य डॉ चंदेश्वर नारायण सिंह के नेतृत्व में श्रद्धांजलि दी गयी.
डीएम सुसाइड केस
क्या िसर्फ सुसाइड करने िदल्ली गये थे मुकेश पांडेय
रुवार की देर शाम देश की राजधानी दिल्ली से बक्सर के लिए एक बुरी खबर पहुंची. गाजियाबाद के समीप रेलवे ट्रैक से बक्सर के जिलाधिकारी मुकेश पांडेय का शव मिला. सूचना मिलते ही जिलावासी अवाक रह गये. इस घटना ने पूरे प्रशासनिक महकमे को झकझोर दिया. 2012 बैंच के आइएएस अधिकारी मुकेश पांडेय का अंत इतना दर्दनाक होगा. यह किसी ने सोचा नहीं था. एक सप्ताह में अपने हंसमुख अंदाज और काम करने की शैली से मातहत कर्मचारियों के चहेते बन गये थे. इसके पहले वह कटिहार में डीडीसी के पद पर पदस्थापित थे. इसके बाद डीएम के रूप में बक्सर में उनकी पहली पोस्टिंग थी. चार अगस्त को उन्होंने योगदान किया था. उस वक्त जिलावासियों को लगा कि बक्सर के विकास में इनका अहम योगदान रहेगा. जिलावासियों में खुशी का माहौल था.
लोग बधाई देने के लिए डीएम से जाकर मिले भी थे. उस वक्त उन्हें क्या पता था कि महज सात दिन बाद ही ऐसी खबर आयेगी कि जिसके बारे में लोग सोच कर भी दंग रह जायेंगे. डीएम के मौत मामले की जांच को लेकर टीम का गठन किया गया है. जल्द ही मामले की गुत्थी सुलझाने को लेकर टीम बक्सर और कटिहार भी पहुंचेगी. डीएम मुकेश पांडेय योगदान के बाद बक्सर के अतिथि गृह के रूम नंबर आठ में रह रहे थे. घटना के बाद कमरे को सील कर दिया गया है. कमरा को दिल्ली पुलिस या गाजियाबाद पुलिस की देखरेख में खोला जायेगा.
महज पांच दिन ही रह पाये डीएम
चार अगस्त शुक्रवार को मुकेश पांडेय ने बक्सर में पहली बार जिलाधिकारी के पद पर योगदान दिये थे. पांच अगस्त को रामरेखा घाट सड़क के पास उनका काफिला फंस गया. इस पर डीएम ने अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने के लिए एक्शन प्लान बनाया, ताकि पूरे नगर सहित अन्य स्थानों पर अतिक्रमण से मुक्ति दिलायी जा सके. डीएम के सख्त रवैया को देखते हुए तत्काल सदर एसडीओ ने नगर के व्यस्त इलाका पीपी रोड़ से अतिक्रमण हटाया. इसी दिन डीएम ने इटाढ़ी और राजपुर प्रखंड मुख्यालय का दौरा भी किया, जिसमें दो कर्मियों के अनुपस्थित रहने पर हाजिरी काट दी थी.
जिलाधिकारी ने एक मरीज की शिकायत पर सोमवार को सदर अस्पताल के पांच डाॅक्टरों पर कार्रवाई करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया था. जानकारी के अनुसार किसी मरीज ने सोमवार को जिलाधिकारी मुकेश पांडेय को दूरभाष पर जांच करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया. सिविल सर्जन के द्वारा कराये गये जांच के क्रम में पांच डॉक्टर डॉ अनिमेष कुमार, डॉ डीएन पांडेय, डॉ भारती द्धिवेदी, डॉ योगेंद्र कुमार तथा डॉ संजय कुमार अनुपस्थित पाये गये. कार्य में लापरवाही को देखते हुए समय से ड‍्यूटी नहीं करनेवाले पांच डॉक्टरों पर सीएस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
गार्ड से कहा था, दो िदन बाद आऊंगा
प्रभात खबर ने सर्किट हाउस के केयर टेकर, सुरक्षा गार्ड और रसोइये से बातचीत की, मुकेश पांडेय नगर के अतिथि गृह के कमरा संख्या आठ में रहते थे. केयर टेकर रामबाबू ने बताया कि 10 अगस्त की सुबह करीब चार बजे डीएम साहब अपने गार्ड और ड्राइवर के साथ पटना के लिए चले गए थेे. जिलाधिकारी को एयरपोर्ट तक सुबह साथ ले कर गये सुरक्षा गार्ड मानव शंकर ने बताया कि उन्होंने दो दिन बाद वापसी की बात कही थी.
बक्सर कोर्ट में भी रहा नो वर्क
बक्सर जिलाधिकारी के मौत के बाद बक्सर कोर्ट में भी नो वर्क रहा. लोक अभियोजक नंद गोपाल प्रसाद की अध्यक्षता में एक शोकसभा का आयोजन किया गया. संघ भवन में आयोजित शोकसभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष विजय नारायण मिश्रा ने कहा कि नवनियुक्त जिलाधिकारी के निधन से सारे अधिवक्ता स्तब्ध हैं. वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
सबकी आंखें हुईं नम
देर रात्रि में ही कर ली थी तैयारी
बुधवार की देर शाम करीब आठ बजे डीएम सर्किट हाउस पहुंचे थे. इसके बाद करीब दस बजे भोजन किये. रात्रि बारह बजे नजारत के एसडीसी शिशिर कुमार मिश्रा सर्किट हाउस पहुंचे. डीएम ने अपना आवेदन शिशिर कुमार मिश्रा को थमाया. शिशिर मिश्रा ने आदेश पालक राम बाबू को निर्देश देते हुए कहा कि सुबह तीन बजे डीएम कोठी से वाहन आयेगा, जिससे साहब पटना जायेंगे. सुबह करीब साढ़े तीन बजे वाहन सर्किट हाउस में आ गया. िजसके बाद डीएम अपने गार्ड के साथ पटना निकल गए़
समाहरणालय में सबकी आंखें नम
जिला समाहरणालय में सबके चेहरे पर उदासी के भाव और सबके मुंह से बस एक ही सवाल था. आखिर क्या हो गया था डीएम साहब को..? प्रभारी डीएम मो. मोबिन अली अंसारी की अध्यक्षता में जिले के उच्चाधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी, जिसमें एसपी राकेश कुमार, एसडीएम गौतम कुमार, डीएसओ शिशिर मिश्रा, डीएसपी शैशव यादव व अन्य अधिकारी शामिल थे. इसके बाद झंडे को झुका दिया गया. शोकसभा के बाद जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में छुट्टी की घोषणा कर दी गयी. निजी विद्यालय भी बंद कर दिये गये.

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