बक्सर : सरकारी कार्यालयों में लंबे समय तक बिल बकाया रखने से अजीज आकर विद्युत कंपनी ने प्रीपेड मीटर लगाने का निर्णय लिया है. इसे लेकर विभाग ने सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाने के लिए पत्र भेजा है. सर्वे का काम भी शुरू हो गया है. आनेवाले दिनों में सर्वे के बाद चिह्नित […]
बक्सर : सरकारी कार्यालयों में लंबे समय तक बिल बकाया रखने से अजीज आकर विद्युत कंपनी ने प्रीपेड मीटर लगाने का निर्णय लिया है. इसे लेकर विभाग ने सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाने के लिए पत्र भेजा है. सर्वे का काम भी शुरू हो गया है. आनेवाले दिनों में सर्वे के बाद चिह्नित किये गये सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगाये जायेंगे.
इससे विभाग के राजस्व में वृद्धि होगी. साथ ही बकाये और चोरी पर भी अंकुश लगेगा. विद्युत कंपनी के करोड़ों रुपये सरकारी कार्यालयों पर बकाया हैं. बार-बार नोटिस देने के बाद भी बकाये की राशि नहीं जमा की जा रही है, जिससे कंपनी को राजस्व का नुकसान हो रहा है.
प्रीपेड मीटर लगने से क्या होगा फायदा : सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड मीटर लगने से विभाग का बिल बकाया शून्य हो जायेगा. इससे राजस्व में इजाफा होने के साथ वितरण कंपनियों को भुगतान करने में सुविधा होगी. नियमित भुगतान होने से बिना गड़बड़ी आपूर्ति सुचारु रूप से जारी रहेगी. उपभोक्ता अपनी जरूरत के अनुसार कम-से-कम 100 का वाउचर ले सकते हैं. जितनी जरूरत है उतना बिजली का उपयोग किया जा सकता है. इससे बेकार होनेवाली बिजली पर भी अंकुश लगेगा.
नोटिस के बावजूद नहीं होता समय से भुगतान : सरकारी विभागों द्वारा विपत्रों के भुगतान में काफी विलंब होता है. विपत्र में त्रुटि या राशि के अभाव में भुगतान ससमय नहीं होने से विद्युत कंपनी पर इसका असर पड़ता है.विभागों को देर से भुगतान करने पर विलंब अधिभार शुल्क का भुगतान करना पड़ता है. प्रीपेड मीटर लग जाने से इन सब चीजों पर रोक लगेगी. अभी तक एजेंसी ने महज चार सरकारी कार्यालयों का सर्वे किया है. इसके बाद सभी सरकारी कार्यालयों का सर्वे करने के बाद प्रीपेड मीटर लगा दिया जायेगा.
इन विभागों पर है करोड़ों रुपये का बकाया : विभागीय जानकारी के अनुसार नगर पर्षद, सदर अस्पताल, सोन प्रमंडल, पथ परिवहन विभाग सहित दर्जन भर कार्यालयों पर विभाग का करोड़ों रुपये बकाया है. अकेले नगर पर्षद पर ही आठ लाख से ज्यादा की राशि बकाया है, जिसको लेकर कई बार विभाग द्वारा पत्राचार भी किया गया है. इसके बाद भी अभी तक राशि जमा नहीं की गयी है.