पहल. आंगन निधि एप से बिल भुगतान में मिलेगी मदद, नहीं जाना होगा ट्रेजरी
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डिजिटल होंगे आंगनबाड़ी केंद्र
पहल. आंगन निधि एप से बिल भुगतान में मिलेगी मदद, नहीं जाना होगा ट्रेजरी आंगन एप से केंद्रों का होगा निरीक्षण, डाली जायेंगी तस्वीरें बक्सर : आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्णत: डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. केंद्रों की जांच करने गयी सीडीपीओ सहित सुपरवाइजर तसवीर लेकर एप के सहारे ऑनलाइन सूचना करेंगे, जिसे सभी आसानी से […]
आंगन एप से केंद्रों का होगा निरीक्षण, डाली जायेंगी तस्वीरें
बक्सर : आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्णत: डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. केंद्रों की जांच करने गयी सीडीपीओ सहित सुपरवाइजर तसवीर लेकर एप के सहारे ऑनलाइन सूचना करेंगे, जिसे सभी आसानी से देख सकेंगे. साथ ही सबसे बड़ी परेशानी बिल भुगतान की समस्या का भी समाधान होगा. आंगन निधि एप के माध्यम से सुपरवाइजर वाउचर सीधे मुख्यालय में भेज देंगे. वाउचर जाते ही मुख्यालय से आंगनबाड़ी सेविकाओं के खाते में राशि भेज दी जायेगी. साथ ही कैश एप्लिकेशन के माध्यम से केंद्र से जुड़े बच्चों सहित, कुपोषण, गर्भवती, धातृ महिलाओं की जानकारी सेकेंड में मिल जायेगी. इन जानकारियों के लिए अधिकारियों को महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
डिजिटलाइजेशन होने से आंगनबाड़ी केंद्रों में पारदर्शिता आ जायेगी. बार-बार यह शिकायत मिल रही थी कि आंगनबाड़ी केंद्रों में भ्रष्टाचार व्याप्त है. इससे इन सभी पर नकेल कसा जा सकेगा. इसमें बिल का तसवीर इस एप के माध्यम से सुपरवाइजर व सीडीपीओ लेंगी. तत्काल उसे मुख्यालय में भेज दिया जायेगा. इसके बाद तत्काल राशि सेविका के खाते में चली जायेगी. अब ट्रेजरी से मुक्ति मिल जायेगी.
ऑनलाइन होगी जांच : जिला समन्वयक आइसीडीएस महेंद्र कुमार ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच अब आॅनलाइन होगी. इसके लिए आंगन एप लाया गया है. आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण सीडीपीओ व सुपरवाइजर करेंगी. निरीक्षण के दौरान उसी समय इस एप के माध्यम से तसवीर लेगी, जिसमें बच्चों की उपस्थिति, केंद्र की हालत, सेविका व सहायिका आदि की तसवीर लेंगी. इसके बाद तत्काल एप के माध्यम से उसे पोस्ट कर दिया जायेगा, जिससे तसवीर ऑनलाइन हो जायेगी. वरीय अधिकारी सहित अन्य लोग भी तसवीर देख कर केंद्र का आकलन लगा लेंगे. यदि केंद्र में गड़बड़ी होगी, तो तत्काल कार्रवाई की जायेगी. साथ ही सुपरवाइजर को एक दिन में तीन से चार केंद्रों का कम-से-कम निरीक्षण करना है.
कैश से मिलेगी केंद्र की जानकारी : जिला समन्वयक आइसीडीएस महेंद्र कुमार ने बताया कि कॉमन एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (कैश) के तहत जिले के 1529 केंद्र से जुड़ी सभी जानकारियां मिल जायेंगी. केंद्र से कितने बच्चे जुड़े हैं. कितनी धातृ, गर्भवती महिलाओं को लाभ मिल रहा है. साथ ही केंद्र से कितने कुपोषित बच्चे व महिलाएं जुड़ी हुई हैं. पूर्व में इसकी जानकारी के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. कम-से-कम पंद्रह से बीस दिनों के बाद एक आंगनबाड़ी केंद्र से जानकारी मिल पाती थी, लेकिन अब इस एप के माध्यम से अधिकारी त्वरित इसकी जानकारी हासिल कर लेंगे.
आंगन निधि एप से होगा बिल का भुगतान
आंगनबाड़ी केंद्रों में राशि भुगतान को लेकर हमेशा समस्या बनी रहती है. कई महीनों तक आंगनबाड़ी केंद्रों का बिल ट्रेजरी कार्यालय में फंसा रह जाता है. सीडीपीओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में वाउचर जमा किया जाता था. सभी केंद्रों से वाउचर जमा होने के बाद ट्रेजरी कार्यालय जाता था, इसके बाद राशि का भुगतान होता था. इस प्रक्रिया में दो से तीन माह का समय लग जाता था. वहीं, ट्रेजरी कार्यालय में कार्यरत बाबू और अधिकारियों के अपने अलग नखरे होते थे. करीब दो वर्ष पूर्व नियम में बदलाव किया गया.
अब फाॅर्म-63 के तहत राशि भुगतान के लिए आवेदन लिया जाने लगा. इसमें नियम बनाया गया कि दुकानदार अपना पक्का रशीद देंगे. साथ ही स्टॉप भी लगा होना चाहिए. तभी ट्रेजरी कार्यालय में बिल लिया जाता था. नये नियम के आने के बाद ट्रेजरी कार्यालय में करीब तीन माह तक आंगनबाड़ी केंद्रों का बिल पास नहीं हुआ. ऐसे में सेविकाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. जिलाधिकारी की पहल पर ट्रेजरी कार्यालय से आंगनबाड़ी केंद्रों का बिल पास होना शुरू हुआ. अब भी यह समस्या बनी रहती है. इस समस्या के निदान के लिए आंगन निधि एप शुरू
केंद्रों की मिलेगी पूरी जानकारी
आंगनबाड़ी केंद्रों को पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है. नये एप के माध्यम से केंद्रों के माध्यम से पूरी जानकारी मिल जायेगी. साथ ही बिल भुगतान में भी सहूलियत मिलेगी. इसके लिए सीडीपीओ सहित सुपरवाइजर को ट्रेनिंग दी जा रही है.
शशिकांत पासवान, डीपीओ आइसीडीएस, बक्सर
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