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जांच रिपोर्ट पर डीएम ने कार्य एजेंसी से मांगा स्पष्टीकरण

बक्सर : सदर प्रखंड के मझरियां व उमरपुर गांव में बक्सर-कोइलवर तटबंध के सामने गंगा में हुए कटावरोधी कार्यों की रिपोर्ट जांच टीम ने सौंप दी है. रिपोर्ट में टीम ने कार्यों की गुणवत्ता में हुए खामियों का जिक्र किया है. रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि कार्य मानक के अनुरूप नहीं […]

बक्सर : सदर प्रखंड के मझरियां व उमरपुर गांव में बक्सर-कोइलवर तटबंध के सामने गंगा में हुए कटावरोधी कार्यों की रिपोर्ट जांच टीम ने सौंप दी है. रिपोर्ट में टीम ने कार्यों की गुणवत्ता में हुए खामियों का जिक्र किया है. रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि कार्य मानक के अनुरूप नहीं कराये गये हैं. सदर एसडीओ की अध्यक्षता में गठित टीम ने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी है. डीएम ने बताया कि रिपोर्ट से स्पष्ट है कि कटावरोधी कार्यों में हीलाहवाली की गयी है. लेकिन, तकनीकी गड़बड़ियां उजागर हुई हैं.

कार्य एजेंसी बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रमण कुमार से स्पष्टीकरण की मांग की है. दो दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है. कटावरोधी कार्यों को करने वाली कार्यकारी एजेंसी गरिमा कंस्ट्रक्शन के अधूरा कार्य छोड़ कर फरार होने के बाबत डीएम ने बताया कि उन्हें इसकी सूचना मिली है. कार्यपालक अभियंता से जानकारी मांगी गयी है. स्पष्टीकरण के बाद दोषी पाये जाने पर कार्य करने वाली कंपनी व उसके ठेकेदार पर एफआइआर दर्ज कराया जायेगा.

पांच करोड़ 66 लाख की लागत से हुए हैं कार्य: योजना के मुताबिक वर्ष 2016 में मझरियां गांव के समीप बाढ़ से 630 मीटर कटाव हुआ था. जिस कारण गंगा नदी की धार से बक्सर-कोइलवर गंगा तटबंध महज 130 मीटर दूर रह गया है. इससे तटबंध के टूटने का खतरा बढ़ गया है. इसी के मद्देनजर कटावरोधी कार्य किया जा रहा है.
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के सहायक अभियंता उपेंद्र नाथ राय ने बताया कि पूर्व में प्राक्कलन के मुताबिक 630 मीटर में कार्य होना था. लेकिन, कार्य शुरू होने के बाद 67 मीटर कार्य बढ़ाना पड़ा. इस तरह 697 मीटर कार्य के लिए विभागीय स्वीकृति मिली. जिसमें 41 लाख की बढ़ोत्तरी कर 5 करोड़ 25 लाख रुपये से 5 करोड़ 66 लाख रुपये कर दी गयी थी.
प्रभात खबर ने प्रमुखता से उठाया था मामला
कटावरोधी कार्यों में भारी पैमाने पर धांधली की खबर प्रभात खबर में लगातार छपी. इसके बाद लोक चेतना मंच के प्रदेश संयोजक मिथलेश कुमार सिंह ने एफआइआर दर्ज कराने का निर्णय लिया. उन्होंने वित्तीय अनियमितता के आधार पर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधिकारियों और ठेकेदार पर औद्योगिक थाना में केस दर्ज करने के लिए आवेदन भी दिया था. प्रभात खबर में छपी खबरों पर संज्ञान लेते हुए डीएम ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी.
विधायक ने भी पकड़ी थी गड़बड़ी
कटावरोधी कार्यों में भारी पैमाने पर गड़बड़ी की खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद सदर विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने भी कार्यस्थल का जायजा लिया था. उन्होंने पाया था कि प्राक्कलन के अनुसार साधारण तौर पर उच्च किस्म के प्लास्टिक की बोरी में 60 से 70 किलो सफेद बालू भरना है. परंतु किसी भी बोरी में मानक के अनुरूप बालू नहीं भरा जा रहा था.

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