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एनएच 84 का निर्माण अधर में

अड़चन. भूमि की कमी के कारण नहीं लग रहा काम पंद्रह सौ करोड़ रुपये की लागत से बनेगा राष्ट्रीय राज्य मार्ग 84 50 फीसदी से अधिक किसानों को नहीं मिल पाया मुआवजा बक्सर : जिले से राजधानी को जोड़नेवाली मुख्य सड़क को राष्ट्रीय राज्य मार्ग का दर्जा वर्षों पहले मिल चुका है. एनएच 84 का […]

अड़चन. भूमि की कमी के कारण नहीं लग रहा काम

पंद्रह सौ करोड़ रुपये की लागत से बनेगा राष्ट्रीय राज्य मार्ग 84
50 फीसदी से अधिक किसानों को नहीं मिल पाया मुआवजा
बक्सर : जिले से राजधानी को जोड़नेवाली मुख्य सड़क को राष्ट्रीय राज्य मार्ग का दर्जा वर्षों पहले मिल चुका है. एनएच 84 का मरम्मती व निर्माण कार्य कभी कभार होता था, जिससे आम लोगों को राजधानी आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था. वर्षों बाद एनएच को फोर लेन बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार ने पास किया. इसके लिए सरकार की ओर से राशि भी प्राप्त हो गयी, लेकिन भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण एनएच 84 का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.
बनेगा पंद्रह सौ करोड़ की लागत से : विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बक्सर गोलंबर से लेकर कोईलवर तक 92 किलोमीटर तक फोर लेन सड़क का निर्माण होना है. इसके निर्माण में करीब 1505 करोड़ रुपये का खर्च किये जायेंगे. इसे दो भागों में किया गया है. भोजपुर जिले में 825 करोड़ व बक्सर जिले में 680 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. फोर लेन का निर्माण दो कंपनियां मिल कर करायेंगी.
सड़क निर्माण का जिम्मा पीएनसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड के जिम्मे व पुल का निर्माण सिगंला कंपनी को मिला हुआ है. निर्माण के लिए दोनों कंपनियों ने अपनी पूरी तैयारी बहुत पहले कर ली है. दोनों कंपनियां अत्याधुनिक मशीनों को भी लेते आयी हैं.
गंगा व सोन पर बनेगा ब्रिज
विभागीय सूत्रों ने बताया कि फोर लेने के निर्माण के दौरान बक्सर के पास स्थित गंगा पुल व कोईलवर के पास सोन नदी पर एक-एक मेगा ब्रिज बनेगा. इसके साथ छोटे व बड़े पुलों का भी निर्माण कराया जायेगा, जिसमें पांच बड़ा, तेरह छोटा, 195 छोटी पुलियाें का निर्माण कराया जायेगा. इन सभी का निर्माण तीस माह के अंदर पूरा कर लेना है. इन सभी के लिए दोनों कंपनियों ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन भूमि नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. एक साल से अधिक विलंब हो रहा है.
भू-धारकों से ली जा रही जमीन
एनएच-84 को फोर लेन में तब्दील करने के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता थी. यह सड़क जिले के 42 मौजा से होकर गुजरती है. सड़क के किनारे के भू-धारकों को मुआवजा देते हुए अतिरिक्त भूमि ली जा रही है, लेकिन अभी तक पचास फीसदी से अधिक किसानों को मुआवजा की राशि नहीं मिल पायी है. कई किसानों को नोटिस भेजा गया है, लेकिन राशि का आवंटन नहीं हो पाया है. प्रशासन की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि महराजगंज, ओझवलिया, रूपाह, गहौना, देवकुली, पुरवां, ब्रह्मपुर, निमेज, रामगढ़, गरहथा खुर्द, रानीपुर, किसागर, नुआंव, बलबतरा, कठार व टुड़ीगंज मौजा के भू-धारकों को मुआवजे की राशि दे दी जाये, ताकि इस क्षेत्र में कंपनी निर्माण कार्य शुरू कर दे. इस क्षेत्र के एक-दो मौजा को छोड़कर लगभग सभी में पचास फीसदी से अधिक भू-धारकों के बीच मुआवजें की राशि आवंटित हो गयी है. बता दें कि जिन किसानों की जमीन राष्ट्रीय राज्य मार्ग के चौड़ीकरण में जा रही है, उनका कहना है कि राज्य व केंद्र सरकार अधिग्रहीत भूमि का व्यावसायिक मुआवजा के तहत राशि का भुगतान करें, तभी हम अपनी भूमि को एनएच के लिए देंगे.
शीघ्र दे दी जायेगी राशि
भू-धारकों को तत्काल मुआवजे की राशि शीघ्र उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि एनएच 84 का निर्माण शुरू हो सके. सभी किसानों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है.
तारिक अकरम, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी

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